नई दिल्ली- 18 सितंबर 2024 – इंडेक्स सऊदी अरब”, 2024 का आयोजन रियाद, सऊदी अरब में हुआ और ईपीसीएच इंडिया पैवेलियन का उद्घाटन, भारतीय मिशन के उप प्रमुख, अबू माथेन जॉर्ज और मनुस्मृति, काउंसलर (आर्थिक और वाणिज्य) ने किया। इस अवसर पर सदस्य निर्यातकों औऱ प्रदर्शकों की गरिमामयी उपस्थिति भी रही। यह मेला 17 से 19 सितंबर 2024 तक आयोजित किया जा रहा है। रियाद में आयोजित इंडेक्स सऊदी अरेबिया जैसे बड़े मंच पर भारत के पास अपनी अद्वितीय विविधता, समृद्ध संस्कृति और कला और शिल्प की लंबी परंपरा को प्रदर्शित करने का एक शानदार अवसर है। ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक आर.के.वर्मा ने इस अवसर पर बताया कि परिषद ने ऐसी व्यवस्था की है जिससे इस आयोजन में देश के विभिन्न हिस्सों से सदस्य निर्यातकों और कारीगरों की भागीदारी सुनिश्चित की जा सके।
मिशन के उपप्रमुख अबू मैथेन जॉर्ज ने अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ सदस्य प्रतिभागियों के साथ बातचीत की और भविष्य के व्यावसायिक प्रचार में हर संभव समर्थन का आश्वासन दिया।
ईपीसीएच के चेयरमैन दिलीप बैद ने कहा कि “इंडेक्स सऊदी अरेबिया” मध्य पूर्व एशिया में सबसे लंबे समय तक चलने वाला इंटीरियर इवेंट है, जिस पर दुनिया भर की कंपनियों और ब्रांडों का भरोसा है। यह मेला अंतरराष्ट्रीय डिजाइन, गृह सज्जा और जीवनशैली समुदाय को एक छत के नीचे लाता रहा है। भारत की भागीदारी मेले की जीवंतता और विविधता को बढ़ाएगी, साथ ही वैश्विक निर्माताओं, खुदरा विक्रेताओं और ब्रांडों को भारतीय कपड़ा, घरेलू साज-सज्जा और उपभोक्ता उत्पाद उद्योगों में मजबूत उद्यमिता से परिचित कराएगी, जिससे भारत से सोर्सिंग के अवसर खुलेंगे।
ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक आर. के. वर्मा ने बताया कि इस बार के आयोजन में सदस्य निर्यातक घरेलू सजावट, उपहार, मोमबत्तियाँ, धूपबत्ती, घरेलू सजावटी उत्पाद आदि प्रदर्शित कर रहे हैं। भारतीय हस्तशिल्प को प्रोत्साहित करने के लिए ईपीसीएच ने मास्टर शिल्पकारों/कारीगरों द्वारा भारतीय पारंपरिक शिल्प के लाइव प्रदर्शन के साथ थीमैटिक डिस्प्ले की स्थापना की है। हस्तशिल्प विकास आयुक्त कार्यालय ने आगरा से संगमरमर के जडाऊ काम, बीकानेर से ऊंट के चमड़े पर उस्ता कला, लखनऊ से हड्डी पर नक्काशी, उड़ीसा से ताड़ के पत्ते और जोधपुर से सींग और हड्डी शिल्प के 5 मास्टर शिल्पकारों को थीमैटिक डिस्प्ले के लिए नियुक्त किया है।
ईपीसीएच दुनिया भर के विभिन्न देशों में भारतीय हस्तशिल्प निर्यात को बढ़ावा देने और उच्च गुणवत्ता वाले हस्तशिल्प उत्पादों और सेवाओं के एक विश्वसनीय आपूर्तिकर्ता के रूप में विदेशों में भारत की छवि स्थापित करने के लिए जिम्मेदार एक नोडल संस्थान है। इस अवसर पर ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक आर के वर्मा ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान हस्तशिल्प निर्यात 32,759 करोड़ रुपये (3,956 मिलियन डॉलर) रहा। यह निर्यात पिछले वर्ष की तुलना में रुपये के संदर्भ में 9.13% और डॉलर के संदर्भ में 6.11% की वृद्धि दर्शाता है। इसी तरह वर्ष 2023-24 के दौरान सऊदी अरब को होने वाला हस्तशिल्प वस्तु निर्यात 525.65 करोड़ रुपए (यूएस $ 63.46 मिलियन) रहा।