One Nation One Election प्रस्ताव को मिली मोदी कैबिनेट की मंजूरी, विपक्ष के नेताओं ने क्या कहा?

टेन न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली (18 सितंबर 2024): One Nation One Election: एक देश एक चुनाव को मोदी कैबिनेट से आज मंजूरी मिल गई है। बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में बनी कमेटी की रिपोर्ट के बाद इस प्रस्ताव को कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है।

केंद्र की मोदी सरकार (Modi Government) पिछले कार्यकाल से ही एक देश एक चुनाव (One Nation One Election) को लेकर काफी गंभीर नजर आ रही थी, पीएम मोदी ने कई मौके पर और चुनावी जनसभा में भी वन नेशन वन इलेक्शन की बात कही। साथ ही भाजपा के कई नेता वन नेशन वन इलेक्शन की वकालत करते नजर आए, हाल ही में एनडीए सरकार के 100 दिन पूरे होने पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) ने वन नेशन वन इलेक्शन के एनडीए के संकल्प को दोहराया था। अब संसद के शीतकालीन सत्र में इस प्रस्ताव पर विधेयक पेश किया जाएगा।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने क्या कहा

कांग्रेस के राज्यसभा सांसद एवं पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) ने वन नेशन वन इलेक्शन (One Nation One Election) को लेकर कहा कि, यह प्रैक्टिकल नहीं है और यह चलने वाला नहीं है एल। यह सिर्फ चुनाव के समय बीजेपी को कुछ मुद्दा नहीं मिल रहा है, तो ऐसी चीज बात करने के लिए, इश्यू को डाइवर्ट करने के लिए वह बात करते हैं। इसीलिए आप पूरे देश के लोग कोई मानने वाले भी नहीं है।

BSP सुप्रीमो मायावती ने क्या कहा

वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर बीएसपी सुप्रीमो मायावती (BSP Chief Mayawati) ने कहा कि ” ’एक देश, एक चुनाव’ की व्यवस्था के तहत् देश में लोकसभा, विधानसभा व स्थानीय निकाय का चुनाव एक साथ कराने वाले प्रस्ताव को केन्द्रीय कैबिनेट द्वारा आज दी गयी मंजूरी पर हमारी पार्टी का स्टैण्ड सकारात्मक है, लेकिन इसका उद्देश्य देश व जनहित में होना ज़रूरी।”

राजद सांसद मनोज झा (Manoj Jha) ने क्या कहा

वन नेशन वन इलेक्शन के मुद्दे पर राजद सांसद ने कहा कि, दावा किया जा रहा है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कोविंद समिति की सिफारिश के अनुसार ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। हमारे कुछ बुनियादी सवाल हैं। 1962 तक भारत में ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ था, लेकिन यह इसलिए खत्म हो गया क्योंकि कई क्षेत्रों में एक पार्टी के वर्चस्व को चुनौती दी जा रही थी और अल्पमत की सरकारें बन रही थीं, जबकि कुछ जगहों पर मध्यावधि चुनाव हो रहे थे। इस बार इसके लिए क्या व्यवस्था होगी?”

क्या बोले AIMIM के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी

वन नेशन वन इलेक्शन के मुद्दे पर AIMIM के मुखिया और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने कहा कि, “मैंने लगातार वन नेशन वन इलेक्शन का विरोध किया है। क्योंकि यह समस्या की तलाश में एक समाधान है। यह संघवाद को नष्ट करता है और लोकतंत्र से समझौता करता है, जो संविधान के मूल ढांचे का हिस्सा है। मोदी और शाह को छोड़कर किसी के लिए भी कई चुनाव कोई समस्या नहीं हैं। सिर्फ इसलिए कि उन्हें नगरपालिका और स्थानीय निकाय चुनावों में भी प्रचार करने की अनिवार्य आवश्यकता है, इसका मतलब यह नहीं है कि हमें एक साथ चुनाव कराने की आवश्यकता है। लगातार और समय-समय पर चुनाव लोकतांत्रिक जवाबदेही में सुधार करते हैं।”

बता दें कि आज यानी बुधवार (18 सितंबर 2024) को वन नेशन वन इलेक्शन को मोदी कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है।।

 


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