टेन न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली (14 सितंबर 2024): 2020 Delhi Riots News: राजधानी दिल्ली से इस वक्त की बड़ी खबर सामने आ रही है, जहां दिल्ली दंगा मामले ( 2020 Delhi Riots) में स्थानीय अदालत ने 10 लोगों को बरी कर दिया है। बता दें कि कोर्ट ने जांच अधिकारी के दावे पर भी सवाल उठाए हैं। दिल्ली की एक अदालत ने 2020 के उत्तर पूर्वी दिल्ली दंगा मामले (2020 North East Delhi Riots) में 10 लोगों को सबूतों के अभाव में आरोपों से बरी कर दिया है। इन आरोपों में गैर कानूनी तरीके से इकट्ठा होना और आगजनी शामिल है। अदालत ने कहा कि केवल तीन पुलिस गवाहों के बयानों पर भरोसा करना ठीक नहीं है। कोर्ट ने कहा कि आरोपी व्यक्तियों की पहचान को लेकर तीन पुलिसकर्मियों और एक जांच अधिकारी के बनावटी दावे ने संदेह पैदा किया है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचाला 10 आरोपियों के खिलाफ इस मामले की सुनवाई कर रहे थे। जिनके खिलाफ गोकलपुरी पुलिस स्टेशन (Gokalpuri Police Station) ने आगजनी और घर में घुसने सहित कई अपराधों से जुड़ा कैसे दर्ज किया था। अभियोजन पक्ष ने कोर्ट में कहा कि आरोपी एक दंगाई भीड़ का हिस्सा थे, जिसने तोड़फोड़ की और 24 फरवरी 2020 के सांप्रदायिक दंगों के दौरान बृजपुरी के चमन पार्क इलाके में इमारत की पहली मंजिल में लूटपाट भी की और एक पिज्जा के दुकान में आग लगा दी गई थी।
मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि दो गवाहों ने दुकान को दंगाइयों द्वारा जलाए जाने पर विरोधाभासी रुख दिखाया है, इससे उनकी विश्वसनीयता पर सवाल उठता है। हेड कांस्टेबल संजय (Head Constable Sanjay) ने कांस्टेबल विपिन (Constable Vipin) और सहायक उप निरीक्षक हरी बाबू (SI Hari Babu) के साथ ड्यूटी पर होने की बात कही थी। इस पर अदालत ने कहा कि दिन से ड्यूटी रोस्टर के अनुसार विपिन और हरि बाबू को चमन पार्क में ड्यूटी सौंपी गई थी जबकि संजय को जौहरीपुर में ड्यूटी सौंपी गई थी। जिसके बाद कोर्ट ने कोई सबूत नहीं होने के कारण उक्त मामले के 10 आरोपियों को बरी कर दिया।।
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