गुरु बिन ज्ञान ना होई

लेखक
डॉक्टर निखिलेश चंद्र शर्मा(एसोसिएट प्रोफेसर प्रबंधन विभाग, अध्यक्ष ट्रेडिंग एवं प्लेसमेंट विभाग ,ग्लोबल इंस्टीट्यूट आफ इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी गौतम बुध नगर

सर्व विदित ही है कि शिक्षक दिवस हर वर्ष हर्ष और उल्लास के साथ 5 सितंबर को मनाया जाता है यह दिवस और भी महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि इसकी पृष्ठभूमि में भारत के पूर्व राष्ट्रपति महान शिक्षाविद विचारक डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी का जन्म दिवस भी है अर्थात इस दिन हम उनकी जयंती भी बनाते हैं कई जगह है लिखा गया है की शिक्षक वह ज्योति है जो स्वयं जलकर औरों को प्रकाशित करती है अर्थात उन्हें लाभ देती है उनके जीवन के अज्ञान रूपी अंधकार को दूर करती है इसीलिए शिक्षकों का स्थान इस संसार में अन्य कार्यों मे रत लोगो की तुलना में विशिष्ट एवं दुर्लभ है

जबकि सभी के कार्य अपनी-अपनी जगह महत्वपूर्ण हैं, इस महान कार्य के करता अर्थात शिक्षक के सम्मान में शिक्षक दिवस बनाया जाता है शिक्षक दिवस मनाने के अनेक उद्देश्य हैं जिसमें से एक महत्वपूर्ण उद्देश्य शिक्षकों के महत्वपूर्ण एवं उद्देश्य परक महान योगदान को सम्मानित करना है जिसका वह सच्चा हकदार भी है आज मै इस लेख के माध्यम से यह बताना चाहता हूं की शिक्षक इस समाज की बहुत ही महत्वपूर्ण धुरी है शिक्षक दिवस मनाए जाने के अनेक उद्देश्य है कबीर ने तो गुरु की महिमा पर अनेक दोहे लिखे हैं वास्तविकता में गुरु से बड़ा कोई शुभचिंतक नहीं है गुरु व्यक्तित्व निर्माण में वैसी ही भूमिका निभाता है जैसे कि कुम्हार एक घड़े का निर्माण बड़ी बारीकी से करता है वह उस घड़े को धीरे-धीरे चोट देता है और उसको हल्की अग्नि में तपा तपा कर एक मजबूत घड़े का निर्माण कर देता है, जो निर्माण के बाद अनेक कार्य में प्रयुक्त होता है जैसे जल ले जाने का माध्यम बनता है उस ज ल के माध्यम से ना केवल पितरों का तर्पण कर उन तक जल पहुंचा सकते हैं बल्कि प्यासे को जल देना, सिंचाई आदि हेतु जल देना आदि का कार्य भी वह घड़ा ही करता है इस प्रकार शिक्षक भी विद्यार्थी की कला को जानकार निखर कर विभिन्न विभिन्न क्षेत्रों के लिए पारंगत करके समाज को इंजीनियर डॉक्टर, फार्मासिस्ट , पायलट सैनिक एक अन्य शिक्षक के रूप में विकसित करता है शिक्षक दिवस बनाए जाने के कुछ उद्देश्यों को इस लेख में बताना चाह रहा हूं जो निम्न है
1. नव युवा पीढ़ी, विद्यार्थियों को शिक्षा का महत्व बताना.
2. समर्पण एवं त्याग की भावना समाज में जागृत करने हेतु
3. शिक्षकों के द्वारा दिए गए महत्वपूर्ण योगदान के विषय में समाज के हर वर्ग को बताना
4. संस्कारशाला का निर्माण करना
5. यह बताना की शिक्षक ही युवा पीढ़ी को भविष्य की सही राह चुनने का मार्गदर्शन देता है पथ प्रदर्शक है
6. बताना कि शिक्षक हित चिंतक भी है मार्गदर्शक भी है, सर्व हितकारी भी है


शिक्षक दिवस शिक्षक दिवस मनाए जाने के उद्देश्यों को कुछ शब्दों में ही व्यक्त नहीं किया जा सकता इसके अनेक अनेक उद्देश्य हैं गुरु की महिमा अनंत है में में इस लेख में संत कबीर जी के दोहे का उदाहरण लेते हुए” गुरु समान दाता नहीं याचक शिष्य समान l तीन लोक की संपदा सो गुरु दिनही दानll ” के माध्यम से अपनी कलम को गुरु के द्वारा दिया गया एक अनमोल उपहार समझते हुए समस्त जगत के गुरुओं को शिक्षक दिवस पर नमन करता हूं।