नई दिल्ली, 30 अगस्त, 2024- दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री देवेन्द्र यादव ने कहा कि जल भराव, सड़कों की बदहाल हालत, उफनते सीवर, गलियों और नालियों का बहता पानी, कूड़े के ढे़र जैसी समस्याओं के कारण दिल्ली के लोग नरकीय जीवन जीने को मजबूर है क्योंकि दिल्ली की आम आदमी पार्टी की प्रशासनिक नाकामियों के कारण अधिकारी करने को तैयार नही है। भाजपा और आम आदमी पार्टी के बीच चल रहे घमासान का खामियाजा दिल्ली की जनता को उठाना पड़ रहा है। पिछले 45 दिनों में जल भराव, नालों में डूबने और करंट लगने से हुई लगभग 37 मौतों के बावजूद केन्द्र और दिल्ली सरकार अपने राजनीतिक मंसूबों को पूरा करने में लगी है।
श्री देवेन्द्र यादव ने कहा कि दिल्ली सरकार और दिल्ली नगर निगम की निष्क्रियता और पंगु प्रशासन के चलते जनता तक मौलिक सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं। उन्हांने कहा कि दिल्ली की अधिकतर विधानसभाओं में सीवर का पानी गलियों में उपर तक बह रहा है और बारिश के कारण नालियां तालाब बन गई है। सौरभ भारद्वाज का निर्वाचन क्षेत्र ग्रेटर कैलाश तक लोगों को नरक झेलना पड़ रहा है। आप पार्टी व भाजपा के विधायको और जल मंत्री से राहत समाधान की आस में बैठे लोग अब समझ चुके है कि आम आदमी पार्टी केजरीवाल को जेल से बाहर निकालने में लगी है वहीं भाजपा दिल्ली में 26 साल बाद सत्ता में हाने की नाकाम कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि जल मंत्री आतिशी के धौला कुआँ में जलभराव के दौरे के बाद, गुरुवार की भारी बारिश से फिर धौला कुंआ डूब गया, जिसको आतिशी ने कहा था सब ठीक होगा। उन्होंने कहा कि जिन विधानसभाओं में पिछले 1-2 वर्षों में सीवर लाईन डालने के बाद नीचे धंस गई है वहां दिल्ली जल बोर्ड सहित संबंधित विभाग के भ्रष्ट व लापरवाह अधिकारियों और ठेकेदारों की सीबीआई/विजिलेंस जांच कराई जाए।
श्री देवेन्द्र यादव ने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड में भ्रष्टाचार का यह आलम है कि 2021-22 और 2022-23 की बैंलेस शीट ही गायब है, क्योंकि इन वर्षों में करोड़ों के भ्रष्टाचार किया गया है। उन्होंने कहा कि 2015-16 में लाभ कमाने वाला दिल्ली जल बोर्ड आज 73 हजार करोड़ का लोन और ब्याज की राशि का कर्जदार है। देवेन्द्र यादव ने कहा कि दिल्ली में अपना वजूद खो चुकी भाजपा और आम आदमी पार्टी आरोप प्रत्यारोप की राजनीति कर रहे हैं।
श्री देवेन्द्र यादव ने कहा कि वायु प्रदूषण से निपटने के लिए मंत्री गोपाल राय की 14 सूत्री शीतकालीन कार्य योजना एक और नौटंकी है, क्योंकि जिन 14 सूत्रों की बात की है उन पर सरकार प्रत्येक वर्ष वायु प्रदूषण से निपटने के लिए काम करती है परंतु सर्दियों में राजधानी में प्रदूषण के सभी रिकॉर्ड टूट जाते है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के वायु प्रदूषण का प्रमुख कारण वाहन प्रदूषण और राजधानी भर में टूटी सड़कों, कच्ची सड़कों और व्यस्त निर्माण गतिविधियों से निकलने वाली धूल है, इन प्रदूषणकारी एजेंटों की जांच करने के लिए कोई संबंधित एजेंसी नहीं है। उन्होंने कहा कि ताजा आंकड़ों के अनुसार वायु प्रदूषण के कारण प्रत्येक दिल्लीवासी का जीवन सात वर्ष कम हो रहा है।