नई दिल्ली – 20 अगस्त 2024 – हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसीएच) 21 अगस्त 2024 को नई दिल्ली में अपना 24वां हस्तशिल्प निर्यात पुरस्कार समारोह आयोजित कर रहा है। भारतीय हस्तशिल्प निर्यातकों को वर्ष 2019-20 और 2020-21 के दौरान उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए विभिन्न श्रेणियों में ट्रॉफी और योग्यता प्रमाण पत्र से सम्मानित किया जाएगा। ईपीसीएच के अध्यक्ष दिलीप बैद ने बताया कि इस आयोजन में विभिन्न विदेशी दूतावासों के अधिकारियों, राजनयिकों , प्रशासन समिति-ईपीसीएच के सदस्यों, वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के साथ-साथ भारत के सभी हिस्सों से हस्तशिल्प निर्यातकों की भारी संख्या में उपस्थिति होगी।
इस अवसर पर ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक आर.के. वर्मा ने सूचित किया कि समारोह के “मुख्य अतिथि” माननीय केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह होंगे जो विजेताओं को पुरस्कृत करेंगे। इस अवसर पर “सम्मानित अतिथि” के रूप में कपड़ा मंत्रालय भारत सरकार में सचिव रचना शाह और अमृत राज, आईपीओएस, विकास आयुक्त (हस्तशिल्प), वस्त्र मंत्रालय की भी गरिमामयी उपस्थिति होगी।
ईपीसीएच के अध्यक्ष दिलीप बैद ने कहा कि “हस्तशिल्प निर्यात पुरस्कार केवल उपलब्धियों का जश्न ही नहीं मनाते वो इससे कहीं आगे जाते हैं; वे भविष्य के लिए हमारी साझा प्रतिबद्धता और सामूहिक दृष्टिकोण की पुष्टि करते हैं। यह आयोजन उस यात्रा को दर्शाने का एक अवसर है जो हमने एक साथ शुरू की है और प्रत्येक निर्यातक द्वारा हासिल की गयी सफलता में इसकी चल रही महत्वपूर्ण भूमिका को पहचानने का अवसर प्रदान करते है। इस बार प्रतिष्ठित लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार के साथ कुल 123 पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे। इनमें वर्ष 2019-20 के 62 विजेताओं और वर्ष 2020-21 के 61 विजेताओं को दिए जाने वाले पुरस्कार शामिल हैं। 1989 में शुरू किए गए ये पुरस्कार, चार व्यापक श्रेणियों में प्रदान किए जाते हैं: शीर्ष निर्यात पुरस्कार, प्लेटिनम पर्फार्मर प्रमाणपत्र, ग्रुप वाइज प्रोडक्ट पुरस्कार, महिला उद्यमी पुरस्कार और क्षेत्रीय पुरस्कार। इन पुरस्कारों में कुल मिलाकर 34 ट्रॉफियां, 6 प्लेटिनम पर्फार्मर प्रमाणपत्र, 4 हैट्रिक ट्रॉफी, 57 मेरिट सर्टिफिकेट, 12 क्षेत्रीय पुरस्कार, 9 महिला उद्यमी पुरस्कार और 1 लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे। इन पुरस्कारों का प्राथमिक उद्देश्य निर्यातकों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की भावना को बढ़ावा देना है। पिछले कुछ वर्षों में, ये पुरस्कार हस्तशिल्प निर्यात समुदाय के भीतर एक प्रतिष्ठित पहचान का पर्याय बन गए हैं और अब बहुत से निर्यातक पुरस्कार विजेताओं के बीच अपना स्थान सुरक्षित करने का जीतोड़ प्रयास कर रहे हैं।”
राकेश कुमार, मुख्य संरक्षक की भूमिका निभा रहे महानिदेशक ईपीसीएच और अध्यक्ष, आईईएमएल ने कहा, “इस वार्षिक कार्यक्रम का पूरे क्षेत्र को उत्सुकता से इंतजार रहता है, क्योंकि यह न केवल भारत के हस्तशिल्प समुदाय को एक साथ आने का अवसर प्रदान करता है, निर्यात में उनके योगदान को मान्यता प्रदान करता है बल्कि एक-दूसरे की सराहना करने, प्रोत्साहित करने और प्रेरित करने का मौका देता है। यहां मनाया गया उपलब्धियां का उत्सव पूरे हस्तशिल्प निर्यातक समुदाय की कड़ी मेहनत और समर्पण का प्रमाण हैं, जिसने चुनौतियों का सामना करने के बावजूद अपनी गति और सकारात्मक दृष्टिकोण बनाए रखा है।”
ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक आर.के.वर्मा ने बताया कि ये पुरस्कार निर्यातकों के निर्यात प्रदर्शन पर आधारित होते हैं और निर्यात पुरस्कारों का चयन समिति द्वारा किया जाता है। प्लेटिनम परफॉर्मर पुरस्कार उन लोगों को दिया जाएगा जिन्होंने तीन साल से अधिक समय तक शीर्ष निर्यात पुरस्कार जीता है। शीर्ष निर्यात पुरस्कार ट्रॉफी सभी हस्तशिल्प उत्पाद श्रेणियों में उच्चतम निर्यात प्रदर्शन वाले निर्यातक को प्रदान की जाएगी। महिला उद्यमी पुरस्कार, महिलाओं के नेतृत्व वाले या पूर्ण स्वामित्व वाले और निर्देशित संगठनों को दिया जाएगा इनके अलावा अन्य योग्यता प्रमाण पत्र, क्षेत्रीय पुरस्कार, हैट-ट्रिक पुरस्कार आदि भी प्रदान किए जाएंगे ।
ईपीसीएच दुनिया भर के विभिन्न देशों में भारतीय हस्तशिल्प निर्यात को बढ़ावा देने और उच्च गुणवत्ता वाले हस्तशिल्प उत्पादों और सेवाओं के एक विश्वसनीय आपूर्तिकर्ता के रूप में विदेशों में भारत की छवि प्रस्तुत करने के लिए जिम्मेदार एक नोडल संस्थान है। इस अवसर पर ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक आर.के.वर्मा ने जानकारी दी की वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान हस्तशिल्प निर्यात 32,758.80 करोड़ रुपये (3,956.46 मिलियन डॉलर) रहा है। जिसमें पिछले वर्ष की तुलना में रुपये के संदर्भ में 9.13% और डॉलर के संदर्भ 6.11% की वृद्धि दर्ज की गयी है।