कोलकाता रेप- मर्डर केस में 8 सदस्यीय टास्क फोर्स का गठन, SC ने कही ये बातें

रिपोर्ट: रंजन अभिषेक

टेन न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली (20 अगस्त 2024): कोलकाता में एक रेजिडेंट डॉक्टर से रेप और हत्या का मामला देशभर में गरमाया हुआ है। देशभर के डॉक्टर प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं, इस मामले को लेकर सर्वोच्च न्यायालय ने बड़ा फैसला सुनाते हुए सभी डॉक्टरों को काम पर लौटने का आग्रह किया है। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की बेंच ने इस मामले में सुनवाई की। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि हमने इस मामले पर स्वत: संज्ञान इसलिए लिया है क्योंकि रेप- हत्या के अलावा यह देशभर के डॉक्टरों की सुरक्षा का मामला है। हम डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर सुनवाई करेंगे, हमें डॉक्टर्स की सुरक्षा को लेकर चिंता है।

हड़ताली डाक्टरों से काम पर लौटने की अपील

सर्वोच्च न्यायालय ने सभी हड़ताली और प्रदर्शनकारी डॉक्टरों से कहा कि आप हम पर भरोसा करें। जो डॉक्टर हड़ताल पर हैं वे इस बात को समझें कि पूरे देश का हेल्थ केयर सिस्टम उनके पास है। हम आपसे काम पर लौटने की अपील करते हैं। न्यायालय ने आगे कहा कि, आप हम पर भरोसा करें हम आपकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यहां बैठे हुए हैं।

कोर्ट ने आगे कहा कि हम इसको उच्च न्यायालय पर नहीं छोड़ेंगे। यह बड़ा राष्ट्रहित का मामला है। हम कोर्ट की निगरानी में डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए एक नेशनल टास्क फोर्स बनाने जा रहे हैं, जिसमें सभी डॉक्टरों की भागेदारी हो। सीजेआई ने कोर्ट की निगरानी में 8 सदस्यीय टास्क फोर्स बनाने का आदेश दिया है।

टास्क फोर्स में ये एक्सपर्ट्स शामिल

* एडमिरल आर सरीन, महानिदेशक, चिकित्सा सेवा नौसेना

* डॉ डी नागेश्वरी रेड्डी

* डॉ एम श्रीनिवास, एम्स दिल्ली निदेशक

* डॉ प्रतिमा मूर्ति, निमहंस बैंगलोर

* डॉ गोवर्धन दत्त पुरी, एम्स जोधपुर

* डॉ सेमिकरा रावत, सदस्य गंगाराम अस्पताल, दिल्ली

* प्रो. अनीता सक्सेना

* पल्लवी सैपले, जेजे ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स

* पद्मा श्रीवास्तव, पारस अस्पताल, गुड़गांव में न्यूरोलॉजी के अध्यक्ष

तीन हफ्ते में अंतरिम रिपोर्ट और दो महीने में फाइनल रिपोर्ट सौंपने के आदेश

सर्वोच्च न्यायालय ने टास्क फोर्स को तीन हफ्ते में अंतरिम रिपोर्ट और दो महीने में फाइनल रिपोर्ट सौंपने का आदेश जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट ने देर से एफआईआर दर्ज करने और माता पिता को बॉडी दिखाने में देरी करने को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार और अस्पताल प्रशासन को जमकर फटकार लगाई। कोर्ट ने पूछा कि एफआईआर देर से क्यों दर्ज करवाई गई। अदालत ने तोड़ फोड़ में शामिल लोगों पर कार्रवाई करने को कहा है।।

 

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