राहुल गांधी की कुर्सी पिछली पंक्ति में भूल है या जानबूझकर की गई गलती? रक्षा मंत्रालय ने क्या कहा

टेन न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली (15 अगस्त 2024)

रंजन अभिषेक (संवाददाता)

पूरा देश आज (बृहस्पतिवार) को 78वां स्वतंत्रता दिवस का उत्सव मना रहा है। लाल किले की प्राचीर से भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने भारत को विकसित एवं सामर्थ्यवान राष्ट्र बनाने के प्रति संकल्प एवं अपनी प्रतिबद्धता जताई है। पीएम ने लाल किले की प्राचीर से ध्वजारोहण किया और सम्पूर्ण राष्ट्र को संबोधित किया, पीएम ने यह भी कहा कि हम युद्ध नहीं बुद्ध के देश हैं। लेकिन अब लाल किले आयोजित कार्यक्रम में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के बैठने के स्थान को लेकर एक नया विवाद जन्म लेता दिख रहा है।

राहुल गांधी की कुर्सी पिछली पंक्ति में क्यों?

बता दें कि लाल किले पर आयोजित स्वतंत्रता दिवस समारोह में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की कुर्सी पिछली पंक्ति में थी। राहुल गांधी ओलंपिक पदक विजेताओं की पंक्ति में बैठे हुए थे और अब उनकी यह तस्वीर सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है। अब सवाल ये है कि जब वरीयता क्रम के अनुसार नेता प्रतिपक्ष को केंद्रीय मंत्री के समकक्ष माना जाता है तो फिर उनकी कुर्सी पिछली पंक्ति में क्यों लगाई गई? साथ ही एक सवाल यह भी है कि यह महज एक भूल है या फिर जानबूझकर की गई गलती।

क्या कहता है प्रोटोकॉल

वरीयता क्रम के मुताबिक लोकसभा में विपक्ष के नेता को एक केंद्रीय मंत्री का दर्जा प्राप्त होता है। साथ ही स्वतंत्रता दिवस समारोह में उन्हें हमेशा आगे की कुर्सी दी जाती रही है। लेकिन इस बार नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को आगे की कुर्सी नहीं मिली। आगे की पंक्ति में बैठने वाले मेहमानों की बात करें तो इसमें भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण, केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और विदेश मंत्री एस जयशंकर शामिल थे।

फोटो वायरल होने के बाद अब कांग्रेस के नेता केंद्र सरकार पर हमला बोल रहे हैं और इसे पीएम मोदी की ओछी मानसिकता का संकेत बता रहे हैं। कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि “छोटे मन के लोगों से बड़ी चीजों की उम्मीद करना बेमानी है।”

कांग्रेस नेता ने क्या कहा

कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर कहा कि, “छोटे मन के लोगों से बड़ी चीजों की उम्मीद करना बेमानी है। नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को स्वतंत्रता दिवस समारोह में पांचवीं लाइन में बिठा कर नरेंद्र मोदी ने अपनी कुंठा जरूर दिखाई लेकिन राहुल गांधी को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।” श्रीनेत ने आगे कहा कि ” नेता प्रतिपक्ष की रैंक कैबिनेट मंत्री की होती है, सरकार के मंत्री पहली लाइन में बैठे थे। तो इन छुद्र मानसिकता वालों को लोकतंत्र और लोकतांत्रिक परंपराओं की भी कोई परवाह नहीं है।”

वहीं कांग्रेस के राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने कहा कि “रक्षा मंत्रालय इतना खराब व्यवहार क्यों कर रहा है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को चौथी कतार में बैठाया गया। नेता प्रतिपक्ष का पद किसी भी केंद्रीय मंत्री से बड़ा होता है। लोकसभा में वह प्रधानमंत्री के बाद आते हैं। राजनाथ सिंह जी आप रक्षा मंत्रालय को राष्ट्रीय समारोह का राजनीतीकरण करने की इजाजत कैसे दे सकते हैं। आपसे ये उम्मीद नहीं थी।”

रक्षा मंत्रालय का जवाब,क्या कहा

राहुल गांधी को पिछली पंक्ति में बिठाने को लेकर उपजे विवाद के बाद अब रक्षा मंत्रालय का जवाब भी सामने आया है। रक्षा मंत्रालय ने साफ किया है कि आगे की कतार ओलंपिक पदक विजेताओं के लिए सुनिश्चित की गई थी, जिसकी वजह से राहुल गांधी को पीछे की कतार में बैठना पड़ा। स्वतंत्रता दिवस समारोह आयोजित करने और बैठने की योजना बनाने की जिम्मेदारी रक्षा मंत्रालय की होती है।।

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