78th Independence Day: लाल किले की प्राचीर से पीएम मोदी का संबोधन, पढ़ें 10 महत्वपूर्ण प्वाइंट्स

 

रंजन अभिषेक (संवाददाता)

टेन न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली (15 अगस्त 2024)

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगातार 11वीं बार लाल किले की प्राचीर से ध्वजारोहण किया। पीएम मोदी लाल किले की प्राचीर से प्राकृतिक आपदा से लेकर रिफॉर्म्स और गवर्नेंस मॉडल तक, कई विषयों पर बोले और उन्होंने आजादी से पहले जनसंख्या की चर्चा की, आजादी का जिक्र किया और 2047 तक विकसित भारत बनाने का संकल्प व्यक्त किया। पीएम ने लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में कहा कि, आज वो शुभ घड़ी है, जब हम देश के लिए मर मिटने वाले, देश की आजादी के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले, आजीवन संघर्ष करने वाले, फांसी की तख्त पर चढ़कर भारत माता की जय का नारा लगाने वाले अनगिनत वीरों को हम नमन कर रहे हैं।आजादी के दीवानों ने हमें स्वतंत्रता की सांस लेने का सौभाग्य दिया है। ये देश उनका ऋणी है। ऐसे हर महापुरुष के प्रति हम अपना श्रद्धाभाव व्यक्त करते हैं।

2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य

पीएम ने अपने संबोधन में कहा कि उस समय, 40 करोड़ लोगों ने दुनिया की महासत्ता को उखाड़कर फेंक दिया था, गुलामी की जंजीरों को तोड़ दिया था। आज तो हम 140 करोड़ हैं, अगर 40 करोड़ देशवासी आजादी के सपने को पूर्ण कर सकते हैं, तो अगर 140 करोड़ मेरे परिवारजन संकल्प लेकर एक दिशा में चल पड़ें तो चुनौतियां कितनी भी हों हर चुनौती को पार करते हुए हम ‘समृद्ध भारत’ बना सकते हैं। हम 2047 तक ‘विकसित भारत’ का लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं। वो एक समय था, जब लोग देश के लिए मर-मिटने के लिए प्रतिबद्ध थे और आजादी मिली थी। आज का समय, देश के लिए जीने की प्रतिबद्धता का है। अगर देश के लिए मरने की प्रतिबद्धता आजादी दिला सकती है, तो देश के लिए जीने की प्रतिबद्धता ‘समृद्ध भारत’ भी बना सकती है। विकसित भारत-2047 सिर्फ भाषण के शब्द नहीं हैं।इसके पीछे कठोर परिश्रम चल रहा है, देश के कोटि-कोटि जनों के सुझाव लिए जा रहे हैं और मुझे प्रसन्नता है कि मेरे देश के करोड़ों नागरिकों ने ‘विकसित भारत-2047’ के लिए अनगिनत सुझाव दिए हैं।

देश में रिफॉर्म्स को लेकर क्या बोले पीएम

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि, हमने बड़े रिफॉर्म्स जमीन पर उतारे हैं। गरीब हो, मध्यम वर्ग हो, वंचित हो, हमारे नौजवानों के संकल्प और सपने हों या हमारी बढ़ती हुई शहरी आबादी हो, इन सभी के जीवन में बदलाव लाने के लिए हमने रिफॉर्म का मार्ग चुना। मैं देशवासियों को विश्वास दिलाना चाहता हूं कि रिफॉर्म के प्रति हमारी प्रतिबद्धता देश को मजबूती देने के इरादे से है। इसलिए मैं आज कह सकता हूं कि रिफार्म का हमारा मार्ग आज ग्रोथ का ब्लूप्रिंट बना हुआ है।

सरकार नौजवानों के स्किल डेवलपमेंट के लिए अहम कदम उठा रही है: पीएम मोदी

दुर्भाग्य से हमारे देश में आजादी के बाद लोगों को एक प्रकार के माई-बाप कल्चर से गुजरना पड़ा- सरकार से मांगते रहो, सरकार के सामने हाथ फैलाते रहो।लेकिन हमने गवर्नेंस के इस मॉडल को बदला। आज सरकार खुद लाभार्थी के पास जाती है। आज सरकार खुद उसके घर तक गैस का चूल्हा, पानी, बिजली और आर्थिक मदद पहुंचाती है। आज सरकार खुद नौजवानों के स्किल डेवलपमेंट के लिए अनेक कदम उठा रही है। पर्यटन क्षेत्र हो, MSMEs सेक्टर हो, शिक्षा हो, ट्रांसपोर्ट सेक्टर हो, खेल सेक्टर हो या खेती-किसानी का सेक्टर हो, हर क्षेत्र में एक नया आधुनिक सिस्टम बन रहा है।

क्रिमिनल लॉ बना न्याय साहिंता

सदियों से हमारे पास जो क्रिमिनल लॉ थे, उन्हें हम न्याय संहिता के रूप में लाए हैं। इसके मूल में ‘दंड नहीं, नागरिक को न्याय’ के भाव को हमने प्रबल बनाया है। मैं हर स्तर पर सरकार के प्रतिनिधियों और जन-प्रतिनिधियों से आग्रह करता हूं कि हमें मिशन मोड में इज ऑफ लिविंग के लिए कदम उठाने चाहिए।

आज देश आकांक्षाओं से भरा हुआ है।

देश का नौजवान आकांक्षाओं से भरा है: पीएम मोदी

हमारे देश का नौजवान नई सिद्धियों को चूमना चाहता है, नए-नए शिखरों पर कदम रखना चाहता है। इसलिए हमारी कोशिश है कि हर सेक्टर में हो रहे कार्य को हम तेज गति दें और उसके द्वारा पहले हम नए अवसर पैदा करें और दूसरा इन बदलती हुई व्यवस्थाओं के लिए जो सपोर्टिव इंफ्रास्ट्रक्चर चाहिए, उस इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूती देने का काम करें और तीसरा काम है नागरिकों की मूलभूत सुविधाओं को हम प्राथमिकता और बल दें। मुझे विश्वास है कि भारत की दिशा सही है, भारत की गति तेज है और भारत के सपनों में सामर्थ्य है। लेकिन इन सबके साथ संवेदनशीलता का हमारा मार्ग हमारे लिए ऊर्जामय नई चेतना भरता है।

नई शिक्षा व्यवस्था को लेकर क्या बोले पीएम

नई शिक्षा नीति के अंतर्गत हम देश में ऐसी शिक्षा व्यवस्था विकसित करना चाहते हैं कि मेरे देश के नौजवानों को विदेश न जाना पड़े, मध्यमवर्गीय परिवारों को लाखों-करोड़ रुपये खर्च न करने पड़ें। हम यहां ऐसे संस्थानों का निर्माण करना चाहते हैं जहां विदेशों से लोग भारत आएं। अभी-अभी हमने बिहार में नालंदा विश्वविद्यालय का पुनर्निर्माण किया है। नालंदा विश्वविद्यालय ने फिर एक बार काम करना शुरू कर दिया है।लेकिम हमें शिक्षा के क्षेत्र में फिर एक बार सदियों पुराने उस नालंदा स्पिरिट को जगाना होगा, उस नालंदा स्पिरिट को जीना होगा, हमें उस नालंदा स्पिरिट को लेकर बड़े विश्वास के साथ विश्व के ज्ञान की परंपराओं को नई चेतना देने का काम करना होगा।

देश की मांग है सेकुलर सिविल कोड: पीएम मोदी

मैं मानता हूं कि इस विषय पर देश में गंभीर चर्चा हो, हर कोई अपने विचार लेकर आए और जो कानून धर्म के आधार पर देश को बांटते हैं, ऊंच-नीच का कारण बन जाते हैं, उन कानूनों का आधुनिक समाज में कोई स्थान नहीं हो सकता। अब देश की मांग है कि देश में सेक्युलर सिविल कोड हो। हमारे देश में सुप्रीम कोर्ट ने बार-बार UCC को लेकर चर्चा की है, अनेक बार आदेश दिए हैं। क्योंकि देश का एक बहुत बड़ा वर्ग मानता है कि जिस सिविल कोड को लेकर हम जी रहे हैं, वो सिविल कोड सचमुच में एक कम्युनल और भेदभाव करने वाला सिविल कोड है।

बांग्लादेश के मुद्दे पर क्या बोले पीएम

बांग्लादेश में जो कुछ भी हुआ है, उसको लेकर पड़ोसी देश के नाते चिंता होना स्वाभाविक है। मैं आशा करता हूं कि वहां पर हालात जल्द ही सामान्य होंगे। खासकर 140 करोड़ देशवासियों की ये चिंता कि वहां के हिंदू और अल्पसंख्यक समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित हो, इसके लिए हम काम कर रहे हैं।

हम बुद्ध के देश हैं, युद्ध हमारी राह नहीं: पीएम मोदी

चुनौतियां हैं, भीतर भी हैं और बाहर भी हैं। जैसे-जैसे हम ताकतवर बनेंगे, चुनौतियां भी बढ़ेंगी। बाहर की चुनौतियां और बढ़ने वाली हैं। लेकिन मैं ऐसी शक्तियों को कहना चाहता हूं कि भारत का विकास किसी के लिए संकट लेकर नहीं आता।जब हम विश्व में समृद्ध थे, तब भी हमने विश्व को कभी युद्ध में नहीं झोंका। हम बुद्ध का देश हैं, युद्ध हमारी राह नहीं है।

महिला सुरक्षा पर क्या बोले पीएम मोदी

बीते वर्षों में women led development मॉडल पर हमने काम किया है। Innovation हो, Entrepreneurship हो, हर क्षेत्र में महिलाओं के कदम बढ़ते जा रहे हैं, महिलाएं नेतृत्व दे रही हैं। हमारी वायुसेना हो, आर्मी हो, नौसेना हो या हमारा स्पेस सेक्टर हो, हर जगह हम महिलाओं का दमखम देख रहे हैं।

आज लाल किले से अपनी पीड़ा व्यक्त करना चाहता हूं। हमें गंभीरता से सोचना होगा। हमारी माताओं, बहनों, बेटियों के प्रति जो अत्याचार हो रहे हैं, उसके प्रति जन सामान्य का आक्रोश है। इसे देश को, समाज को, हमारी राज्य सरकारों को गंभीरता से लेना होगा। महिलाओं के खिलाफ अपराधों की जल्द से जल्द जांच हो। राक्षसी कृत्य करने वालों को जल्द से जल्द कड़ी सजा हो, ये समाज में विश्वास पैदा करने के लिए जरूरी है।।

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