नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा मनीष सिसोदिया को दी गई जमानत पर टिप्पणी करते हुए कहा है कि सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत को लेकर सिसोदिया को कोई मुगालता नहीं पालना चाहिए। गुप्ता ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने सिसोदिया को केवल इसी आधार पर जमानत दी है कि उन्हें जेल में रहते हुए 16-17 महीने हो गए हैं और ट्रायल में देरी हो रही थी। केवल इसी आधार पर उन्हें जमानत दी गई है। उन्होंने आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा की जा रही प्रतिक्रियाओं पर हैरानी जताते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी के नेता इस तरह का प्रचार कर रहे हैं कि जैसे सिसोदिया को कोर्ट द्वारा दोष मुक्त कर दिया गया है या फिर उन्हें बरी कर दिया गया है। जबकि ऐसा बिल्कुल भी नही है। ऐसा करके आम आदमी पार्टी के नेता अपने आप को धोखा दे रहे हैं और दिल्ली की जनता को भी गुमराह कर रहे हैं।
गुप्ता ने कहा कि सिसोदिया करोड़ों रुपए के शराब घोटाले के मुख्य आरोपी हैं और एजेंसियां अपने स्तर पर इस घोटाले की जांच कर रही हैं। बहुत जल्द ही इस केस का ट्रायल पूरा हो जाएगा। सिसोदिया को जमानत देते हुए कोर्ट ने उन्हें 10 लाख का
बेल बांड भरने और हर सोमवार को थाने में हाजरी लगाने की शर्त लगाई है।
नेता प्रतिपक्ष, गुप्ता ने कहा कि सिसोदिया पर साल 2021-22 में दिल्ली सरकार की शराब नीति में गलत तरीके से बदलाव करके शराब कारोबारियों को करोड़ों का फायदा पहुंचाने का आरोप है और इस फायदे की रकम का मोटा हिस्सा आम आदमी पार्टी के नेताओं को रिश्वत के रूप में दिया गया। इस घोटाले के चलते सरकार को राजस्व में करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है। गुप्ता ने कहा कि उपराज्यपाल की मंजूरी लिए बिना तत्कालीन आबकारी मंत्री सिसोदिया ने लाइसेंस फीस में 144 करोड़ रुपए की छूट दे दी और लाइसेंसधारियों को लाभ पहुंचाने के लिए बियर के आयात पर लगने वाला आयात शुल्क हटा दिया। और तो और, टेंडर की शर्तें पूरी न करने वाली एक कंपनी की 30 करोड़ रुपये की सेक्युरिटी राशि भी लौटा दी गई।
गुप्ता ने कहा कि इसलिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई जमानत पर जश्न मनाने की जरूरत नहीं है और ना ही जनता को गुमराह करने की जरूरत है, क्योंकि जनता सच्चाई जानती है और वह उनके झांसे में आने वाली नहीं है। सिसोदिया को कोर्ट से मिली जमानत को केवल एक राहत बताते हुए गुप्ता ने सिसोदिया को सलाह दी है जब तक केस का ट्रायल पूरा नहीं हो जाता तब तक उन्हें इस तरह के दुष्प्रचार से दूर रहना चाहिए।