लोकसभा में शपथ ग्रहण समारोह के दौरान सांसदों के अमर्यादित आचरण से संसद की गरिमा भंग हुई: प्रो. बलवंत सिंह राजपूत, पूर्व कुलपति गढ़वाल & कुमाऊं विश्वविद्यालय

टेन न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली (01 जुलाई 2024): 18 वीं लोकसभा के पहले सत्र में सभी नव निर्वाचित सांसदों ने संसद सदस्य के रूप में शपथ लिया। लेकिन इस दौरान कई सांसदों ने कुछ ऐसी हरकत की जिसे देखकर लोग अचंभित रह गए। देश के कई वरिष्ठ शिक्षाविदों ने इसे संसदीय परंपरा के खिलाफ और अमर्यादित आचरण बताया है। हैदराबाद से सांसद और AIMIM के नेता असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने अपने शपथ ग्रहण के दौरान कुछ ऐसा कह दिया कि अब वो विवादों में घिर गए हैं।

दरअसल, ओवैसी ने शपथ लेने के बाद सदन के भीतर ही ‘जय फिलिस्तीन’ का नारा लगाया। जिसके बाद वो विवादों में घिर गए हैं। उनके खिलाफ अधिवक्ता विनीत जिंदल ने भारत के राष्ट्रपति के समक्ष शिकायत भी दर्ज कराई है। ओवैसी के इस हरकत के बाद देशभर में उनकी निंदा की जा रही है। इसी कड़ी में गढ़वाल & कुमाऊं विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. बलवंत सिंह राजपूत (Prof. Balwant Singh Rajput) ने इसे अनुशासनहीनता करार दिया है।

प्रो. राजपूत ने कहा कि “संसद में लोकसभा के नवनिर्वाचित सदस्यों के शपथ ग्रहण समारोह में कई सदस्यों की अनुशासनहीनता तथा अमर्यादित आचरण से संसद की गरिमा भंग हुई। कुछ घटनाएं तो अविश्वसनीय लगी क्योंकि ऐसा आचरण संसद ने पहली बार देखा। इनमें से कुछ अति अशोभनीय आचरण लगे।”

सपा सांसदों ने संसद की गरिमा भंग की

प्रो राजपूत ने कहा कि “जब एक सदस्य ने गरिमा पूर्ण ढंग से संस्कृत में शपथ लेकर नितांत श्रद्धापूर्वक हाथ जोड़कर जय श्री राम कहा तो सपा के सदस्यों ने एक साथ नारा लगाया “जय अवधेश” और सपा के कुछ सदस्यों ने फैजाबाद सीट से निर्वाचित सपा सदस्य अवधेश प्रसाद को श्री राम के समकक्ष राष्ट्र नायक के रूप में खड़ा होने को प्रेरित किया। इस पर वो सदस्य निर्लज्जता पूर्वक खड़े होकर इस तुलना पर सबका आभार प्रकट करने लगे और प्रतिपक्ष के सभी नवनिर्वाचित सदस्य निर्लज्जता पूर्वक तालिया बजाने लगे। श्री राम के नाम का इस प्रकार उपहास एवं अपमान होने पर संसद में किसी ने भी आपत्ति नहीं जताई। अगर किसी अन्य धर्म अथवा संप्रदाय के किसी आराध्य अथवा श्रद्धा केंद्र का ऐसा अपमान सांसद में होता तो क्या इसे ऐसे ही शांत बैठकर सहन कर लिया जाता?”

आगे उन्होंने कहा कि “एक नवनिर्वाचित सांसद ने उर्दू में शपथ लेने के बाद जय फिलीस्तीन का नारा लगाया। संसद में किसी दूसरे देश की इस प्रकार जय बोलना भारत देश, इसके संविधान एवं इसकी संसद का घोर अपमान है और राष्टद्रोह है। चुनाव प्रचार और संसद में संविधान की प्रतियां निर्लज्जता पूर्वक लहराने वाले सांसदों में से किसी ने भी इस पर अभी तक कोई आपत्ति नही की है। क्या किसी अन्य देश की संसद में किसी अन्य देश की जय का नारा लगाने वाले सांसद को तुरंत गिरफ्तार करके कारागार में न भेज दिया जाता?
संसद इन संविधान एवं श्रीराम विरोधी आचरणों पर भले चुप रहे, देश की जनता इन्हे कभी क्षमा नहीं करेगी।”

गौरतलब है कि 18वीं लोकसभा चुनाव में फैजाबाद लोकसभा सीट से सपा नेता अवधेश प्रसाद (Awadhesh Prasad) चुनाव जीतकर आए हैं। वहीं शपथ ग्रहण के दौरान जब मेरठ से नव निर्वाचित सांसद अरुण गोविल (Arun Govil) ने “जय श्री राम” के नारे लगाए तो नीचे से सपा के सांसदों ने “जय अवधेश” के नारे लगाए थे।।

 


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