दिल्ली जल बोर्ड के रिकॉर्ड से 100 टैंकर गायब!, भारी भ्रष्टाचार: देवेंद्र यादव, दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष

टेन न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली (19 जून 2024): भीषण गर्मी में राजधानी दिल्ली (Delhi) में पानी का संकट गंभीर बना हुआ है। दिल्ली के कई इलाकों में लोग पानी की भारी किल्लत से जूझ रहे हैं, दिल्ली में बढ़ती पानी की समस्या पर सभी राजनीतिक दल दिल्ली की सरकार (Delhi Government) यानी केजरीवाल सरकार को दोषी ठहराते हुए प्रदर्शन कर रही है, लेकिन फिर भी अभी तक दिल्ली की जनता को पानी की समस्या से राहत नहीं मिली है।

इस पर दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी (Delhi Pradesh Congress Committee) के अध्यक्ष देवेन्द्र यादव (Devender Yadav) ने कहा कि भीषण गर्मी में जहां दिल्ली में पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है। वहीं दिल्ली सरकार जनता को पर्याप्त पानी देने में पूरी तरह नाकाम साबित हो रही है। पिछले 6-7 वर्षों में जहां टैंकर से पानी की जरुरत पूरी करने वाले पाईंट की संख्या 10.5 हजार के लगभ पहुंच गई है, वहीं दिल्ली जल बोर्ड के 100 टैंकर रिकार्ड में ही गायब हो गए है। उन्होंने कहा कि जहां पिछले वर्ष जल बोर्ड के पास 250 टैंकर थे वो 150 रह गए है। 100 टैंकर कम होने का विभाग के पास कोई रिकॉर्ड नही होना मिलीभगत और भारी भ्रष्टाचार को दर्शाता है, जिसकी जांच होनी चाहिए।

आगे अध्यक्ष देवेन्द्र यादव ने कहा कि दिल्ली कांग्रेस पिछले एक सप्ताह में दिल्ली जल बोर्ड के जल रिसाव में पानी की बर्बादी और करोड़ों के राजस्व नुकसान पर केन्द्रीय सर्तकता आयुक्त और उपराज्यपाल को पत्र लिखकर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग कर चुकी है। उन्होंने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड में बढ़ते भ्रष्टाचार के चलते सर्तकता विभाग ने पिछले 5 वर्षों में कितने टैंकर हायर किए, हर वर्ष कितने टैंकर उपलब्ध कराए गए, प्रत्येक टैंकर मालिक ने जल बोर्ड को कितना पानी पहुंचाया और टैंकर मालिक ने किराए में कितनी राशि मांगी, यह पूरा हिसाब सतर्कता विभाग ने मांगा है। उन्होंने कहा कि जब दिल्ली में पानी की समस्या वाली जगह बढ़ रही है तब जल बोर्ड ने टैंकरों की संख्या क्यों नही बढ़ाई और सभी को पानी देने का वायदा करके दिल्ली की जनता को 10 वर्षों में पर्याप्त पानी देने में असफल रही है।

साथ ही अध्यक्ष देवेन्द्र यादव ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिल्ली में जल संकट पर संज्ञान लेते हुए अपर यमुना रिवर बोर्ड को 13 जून को हुई सुनवाई में आदेश दिया था कि 14 जून को बोर्ड बैठक बुलाए। बोर्ड द्वारा बैठक तो बुलाई गई परंतु बैठक में जल संकट निवारण के लिए कोई नतीजा नहीं निकाला गया। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार के आधीन यमुना रिवर बोर्ड यदि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर कोई कारगर कदम उठाने में विफल रहेगा तो फिर जल संकट कौन दूर करेगा। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार की जल मंत्री लगातार आरोप प्रत्यारोप की बयानबाजी तो कर रही है परंतु पानी संकट खत्म करने के लिए न तो केन्द्र सरकार और उपराज्यपाल से मिलकर कोई कारगर कदम नही उठा रही है।

अध्यक्ष देवेन्द्र यादव ने कहा कि दिल्ली पानी की 90 प्रतिशत मांग के लिए पड़ोसी राज्यों हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड और पंजाब पर निर्भर है, जबकि दिल्ली में प्रतिदिन 3.7-3.8 अरब लीटर पानी का उत्पादन होता है जो पिछले एक सप्ताह से काफी कम जल उत्पादन हो रहा है। उन्होंने कहा कि यह चिंताजनक है कि दिल्ली सरकार ने पिछले 10 वर्षों में जल उत्पादन क्षमता में कोई बढ़ोत्तरी नही की है जबकि लगातार बढ़ती जनसंख्या के कारण खपत बढ़ रही है।।

 

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