दिल्ली सरकार के खिलाफ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने खोला मोर्चा, लगाए गंभीर आरोप

टेन न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली (14 जून 2024): दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी (Delhi Pradesh Congress Committee) के अध्यक्ष देवेन्द्र यादव ने दिल्ली जल बोर्ड (Delhi Water Board) को लीकेज के कारण हो रहे लगभग 17575 करोड़ के नुकसान के संबध में केन्द्रीय सतर्कता आयुक्त को पत्र लिखा। प्रदेश अध्यक्ष ने यह मांग की कि जल रिसाव व चोरी से पानी की 58.28 प्रतिशत की बर्बादी से हो रहे राजस्व के नुकसान की जांच की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि पिछले 3 वर्षों में जल रिसाव की 16.28 प्रतिशत की बढ़ोतरी पर चिंता जताई जो 2019-20 में 42 प्रतिशत से बढ़कर 2022-23 तक 58.28 प्रतिशत तक हो गया है। उन्होंने कहा कि मीटरिंग और लीकेज प्रबंधन के लिए लगभग 30 करोड़ रुपये के वार्षिक आवंटन के बाद पानी लीकेज का बढ़ना दिल्ली जल बोर्ड की कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह लगाता है।

साथ ही अध्यक्ष देवेन्द्र यादव ने कहा कि राजधानी में 1150 एमजीडी की मांग के चलते 995 एमजीडी पानी दिल्ली सरकार उत्पादित करती है, जबकि इसमें से 58 प्रतिशत पानी जल रिसाव में जा रहा है जो टैंकर माफिया के हाथों में भेजा जा रहा है। भीषण गर्मी में जलापूर्ति के संकट से निपटने में असफल दिल्ली सरकार ने 12 मई, 2024 को सुप्रीम कोर्ट में हरियाणा राज्य को पानी छोड़ने के निर्देश देने की मांग पर याचिका दायर की। अदालत के दो जजों की बैंच ने कहा है कि अगर हिमाचल से पानी आ रहा है तो पानी जा कहां रहा है, जैसा कि हम जानते है कि टैंकर माफिया काम कर रहा है, दिल्ली सरकार से अदालत ने कहा कि क्या आपके पास जानकारी है, इसके खिलाफ आपने कार्रवाही की।

आगे अध्यक्ष देवेन्द्र यादव ने कहा कि दिल्ली कांग्रेस पिछले एक दशक से टैंकर माफिया का मुद्दा उठा रही है जिसमें दिल्ली जल बोर्ड की कार्यशैली और योजना पर संदेह है। उन्होंने कहा कि जल बोर्ड में हो रहे घोटाले और राजस्व के नुकसान पर केन्द्र और केन्द्र शासित प्रदेशों में सत्तारुढ़ दल के नेताओं और अधिकारियों की मिलीभगत को नजरअंदाज नही किया जाना चाहिए। हम लगातार दिल्ली में जल संकट और दिल्ली जल बोर्ड के घोटालों पर आवाज उठाते रहे है।

अध्यक्ष देवेन्द्र यादव ने पत्र में हवाला दिया कि उपराज्यपाल और जल मंत्री के बीच हुई बैठक में मुनक नहर क्षेत्र में सक्रिय टैंकर माफिया की उपस्थिति के बारे में चिंताएं जताई गई और उपराज्यपाल को लिखे एक नोट में, दिल्ली के जल मंत्री/दिल्ली जल बोर्ड अध्यक्ष ने वरिष्ठ स्तर के नौकरशाहों और अधिकारियों की संभावित भागीदारी का संकेत दिए जाना दिल्ली सरकार की प्रशासनिक विफलता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि मांग की कि इतने बढ़े घोटाले की व्यापक और निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और इसमें संलिप्त भ्रष्ट नेताओं और अधिकारियों के खिलाफ आरोप साबित होने पर एफआईआर भी दर्ज की जाए।।

 

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