स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं जय किसान आंदोलन के सह संस्थापक योगेन्द्र यादव के हरियाणा के रेवाड़ी यात्रा का आज दूसरा दिन है। इस यात्रा में वे रेवाड़ी के गांव-गांव जाकर किसानों से संवाद कर रहे हैं। तथा उन्हें आगामी 20 नवम्बर से दिल्ली में आयोजित हो रहे किसान मुक्ति संसद के लिए न्योता भी दे रहे हैं। इस संपर्क यात्रा के साथ ही "किसान मुक्ति संसद" की तैयारियां आरंभ हो चुकी है। शेष बचे दिनों में सभी किसान नेता अलग अलग जगहों पर जाकर किसानों को संसद में भाग लेने के लिए आमंत्रित करेंगे। ज्ञातव्य है कि इस किसान संसद में देश भर के 150 किसान संगठन शामिल हो रहे हैं। देश भर में हुई किसान मुक्ति यात्रा के बाद 20 नवम्बर को दिल्ली में किसान मुक्ति संसद का आयोजन किया जाना निश्चित है।
यहां पहुंचकर अपनी ‘किसान मुक्ति यात्रा’ के बारे में बात करते हुए योगेन्द्र यादव ने बताया आज कि पुरे भारत का किसान इस यात्रा के माध्यम से एकजुट हो रहा है। इस यात्रा का उदेश्य किसानो को उनकी फसल का वाजिब दाम व किसानो कि क़र्ज़ मुक्ति से मुक्ति दिलाना है। योगेन्द्र यादव ने कहा कि देश में कर्जदार किसान नहीं है, अपितु भारत सरकार किसानो का क़र्ज़दार है। स्वामीनाथन आयोग की अनुशंसा के मुताबिक़ किसान को उपज के लागत में 50 फीसदी जोड़कर मूल्य देना की सिफारिश की गई थी। 2006 में उक्त अनुशंसा को कांग्रेस की सरकार ने लागू नही किया। दिलचस्प है कि वर्तमान सरकार ने भी इसे अपने चुनावी घोषणापत्र में स्थान दिया था। आज यही सरकार है जो सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर कहती है की वह इस तरह फसलों के दाम नही दे सकती।
योगेन्द्र यादव ने कहा कि किसानो को अपने हक़ के लिए संगठित होकर संघर्ष करने का आह्वान किया तथा 20 नवम्बर 2017 को संसद भवन के सामने किसान संसद का आयोजन किया जायेगा जिसमे किसानो को उनकी फसल का उचित मूल्य व किसान क़र्ज़ मुक्ति का प्रस्ताव पास किया जायेगा इसे सरकार को दिया जायेगा जो कि संसद में पास करवाएl
योगेन्द्र यादव ने रेवाड़ी के किसानों के हाल जानने के बाद एक प्रेस को भी संबोधित किया। जिसमें उन्होंने सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम दाम पर बाजरे की खरीद पर सवाल उठाए। साथ ही सरकार सभी फसलों के लिए एमएसपी तय नही करने की विफलता कप भी उजागर किया। आज रेवाड़ी के किसानों की अच्छी उपज होने के बाबजूद आय का संकट है। इनकी दशा देश क बदहाल किसानों से अच्छी नहीं कही जा सकती है। इसलिये अब किसान का धर्म है कि अपने विरुद्ध हो रहे अन्याय के खिलाफ एक जुट होकर आवाज़ उठाये। आज की संपर्क यात्रा में योगेन्द्र यादव रेवाड़ी के पाली, खोल मार्केट, मनेठी, अटेली, रामबास, सीहा, सहारनवास आदि जगहों का दौरा किया। विदित हो कि सहरनवास योगेन्द्र यादव का पैतृक निवास स्थान भी है। इस संपर्क यात्रा में किसान के मुद्दे को भरपूर सहयोग और समर्थन मिल रहा है।