यूपीए सरकार में महंगाई को ‘डायन कहते थे, आज ‘डार्लिंग’ बनाकर घूम रहे हैं: कांग्रेस प्रवक्ता रागिनी नायक

टेन न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली (16 मई 2024): लोकसभा चुनाव की सियासी गहमागहमी के बीच कांग्रेस पार्टी लगातार मोदी सरकार को घेरने में लगी है। इसी कड़ी में दिल्ली प्रदेश कांग्रेस दफ्तर में कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता रागिनी नायक ने महंगाई के मुद्दे को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला है। रागनी नायक ने कहा कि सत्ता के चमचमाते सिंहासन पर बैठे नरेन्द्र मोदी का कोई सरोकार नहीं, कोई लेना-देना नहीं ।

एक तरफ़ तो बहन-बेटियों को ‘लाड़ली’ कहते हैं और दूसरी तरफ़ महंगाई की चौतरफ़ा मार सह रही बहन-बेटियों का मज़ाक बनाते हैं। अगर घर में खाना कम बने तो वो घर की महिला ही है जो एक रोटी कम खाती है, बिना सब्जी के खाती है, पहले और परिवार जनों का पेट भरती है। खाना न बचे तो पानी पी कर ही सो जाती है। उस बहन-बेटी के आंसू की कोई कीमत नहीं मोदी जी और भाजपा सरकार के लिए ।

UPA कार्यकाल में जिस महंगाई को ‘डायन’ कहते थे, आज उसे ‘डार्लिंग’ बना कर, गले में हाथ डाले घूम रहे हैं। सूरत-ए-हाल ये है कि आज लोगों के पास थाली है तो खाना नहीं, डिग्री है तो नौकरी नहीं, वाहन है तो पेट्रोल-डीज़ल नहीं, सिलेंडर है तो LPG गैस नहीं, शौचालय है तो पानी नहीं, जीवन है पर सुख नहीं चैन नहीं। और जले पर नमक रगड़ने के लिए मोदी जी इसे ‘अच्छे दिन’ और ‘अमृतकाल’ बताते हैं। एक कांग्रेस का शासन था जब बटुए में पैसा ले कर जाते थे और थैला भर सामान ले कर आते थे और अब भाजपा के शासन में वो समय आ ही गया जब थैले में पैसा ले कर जाएँ और बटुए में सामान लाएँ। मुझे याद है कि मोदी जी ने कहा था चीन को लाल आँख दिखाएँगे और 250₹ किलो तक पहुँच कर टमाटर जनता को लाल आँख दिखा रहा था। 80-100₹ किलो प्याज जनता को खून के आँसू रुला रही थी।

देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी ने तो प्याज की बढ़ती कीमतों से पल्ला झाड़ते हुए कह दिया था कि “मैं तो प्याज नहीं खाती” यानि प्याज महंगी हो तो जनता प्याज खाना छोड़ दें। इसी तर्ज़ पर पेट्रोल-डीज़ल सेन्चुरी लगाए तो तो बैलगाड़ी चलाने लगें। LPG सिलेंडर 1100/- का हो जाए तो चूल्हा फूंकने लगें। 2 करोड़ नौकरी जुमला साबित हो तो नाली की गैस से पकोड़ा तलने लगें। वैसे जानकारी के लिए बता दूं कि पकौड़े तलने का तेल भी 240₹ लीटर है।

देश में 35 सालों में सबसे ज्यादा महंगाई है। 45 सालों में सबसे ज्यादा बेरोजगारी है। 75 सालों में रुपए में सबसे ज्यादा गिरावट है। कांग्रेस के कार्यकाल में जिन स्मृति ईरानी को 400₹ का सिलेंडर महंगा लगता था, 70₹ लीटर पेट्रोल महंगा लगता था वो आज दिल्ली में मिलने वाले 1100₹ के सिलेंडर और पेट्रोल पर मुँह में दही जमा कर बैठी हैं।

अस्पताल के बिस्तर पर 5 % जीएसटी है और हीरों पर 1.5 प्रतिशत। पिछले 7-8 वर्षों में मोदी सरकार ने पूंजीपतियों के 16 लाख करोड़ रुपए के लोन माफ किए। कॉर्पोरेट सेक्टर के लिए करीब 1.5 लाख करोड़ टैक्स की कटौती की गयी। और आम जनता से 27.5 लाख करोड़ रुपए इंधन टैक्स के रूप में वसूला गया।

साल भर में मोदी जी के मित्र उद्योगपतियों की आमदनी 30 लाख करोड़ तक बढ़ी है जबकि दूसरी तरफ़ देश के हर 10 में से 8 परिवारों की आय में कमी आई है। CSDS – लोकनीति ने दिल्ली में एक सर्वे करवाया तो पता चला कि दिल्ली के 84% गरीबों की आय उनकी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है। 75% गरीबों ने माना कि जरूरी खाद्य पदार्थों के, गैस के और बिजली के दाम बढ़े हैं। 10 में से 9 व्यक्तियों ने माना की पिछले 2 वर्षों में महंगाई बहुत बढ़ी है। 10 में से 6 लोगों ने माना कि स्वास्थ्य तथा घर के किराए का खर्च बढ़ा है।

दिल्ली में LPG गैस की कीमत मई 2014 में 414₹ प्रति सिलेंडर (14.2kg) थी जो जुलाई 2023 में 1103₹ हो गयी थी। Commercial सिलेंडर तो 2000₹ तक पहुंच गया था। कांग्रेस के लगातार दबाव और 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव के मद्देनजर मामूली कमी की गयी और आज भी करीब 850-900₹ का घरेलू सिलेंडर मिल रहा है।

मई 2014 में जब अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में क्रूड ऑयल की कीमत करीब 107$ प्रति बैरल थी तब UPA सरकार के जाते-जाते दिल्ली में पेट्रोल करीब 72₹ लीटर था जो अब 95₹ लीटर है और बीच में कई बार सैकड़ा लगा चुका है। वही हाल डीज़ल का भी रहा। मई 2014 में करीब 55₹ लीटर और अभी करीब 88₹ लीटर। CNG की दर भी दिल्ली में मई 2014 में करीब 38₹ प्रति किलो थी मई 2024 में 74₹ प्रति किलो तक पहुँच गयी।

 


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