*अगस्त में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) द्वारा जारी किए गया 200 रुपये का नया नोट आपको दिवाली पर भी एटीएम से नहीं मिलेगा। इसके लिए आपको नए साल तक इंतजार करना होगा।*
भारत के लिए एक लाख से भी ज्यादा एटीएम का निर्माण कर चुकी कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर नवरोज़ डस्टर ने कहा कि हमने कुछ एटीएम को नए नोट के हिसाब से ढाल दिया है।
हम केवल कार्य करके देते हैं और अन्य एटीएम को 200 रुपए के हिसाब से कब ढाला जाएगा यह फैसला करना हमारा काम नहीं है, इसका फैसला केवल बैंक ही लेंगे। डस्टर ने कहा कि कई बैंकों से हमें एटीएम मशीनों के अपग्रेड हेतु कोई सिफारिश नहीं मिली है। टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार कैनरा बैंक के चेयरमैन राकेश शर्मा ने कहा कि नोटबंदी के बाद पब्लिक की सुविधा के लिए एटीएम का सुधार कार्य बहुत आसान लग रहा था लेकिन ऐसा कतई भी नहीं है। मशीनों का यह सुधार कार्य बहुत ही धीमी प्रकिया है जिसे हफ्तों लग सकते हैं।
बैंकों में मिल रहा है नोट
आरबीआई द्वारा जारी किया गया 200 रुपये का नोट फिलहाल बैंकों की ब्रांच में मिल रहा है। कोई भी व्यक्ति एक बार में 2000 रुपये के कुल मूल्य के 10 नोट ले सकता है। फिलहाल इस नोट को लेने का ये ही एक तरीका है।
इस वजह से हो रही है देरी
एटीएम के जरिए इस नोट को मिलने में इसलिए देरी हो रही है, क्योंकि बैंकों के पास पहले से ही इसकी कमी है, जिसकी वजह से एटीएम में पैसा डालने वाली एजेंसी के पास यह नहीं पहुंच रहा है। दूसरा कारण है कि बैंकों ने अभी तक एटीएम सर्विस प्रोवाइडर को भी मशीन में बदलाव करने के लिए नहीं कहा है।
आसान नहीं मशीन में बदलाव करने की प्रक्रिया
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, बैंकों का कहना है कि एटीएम में बदलाव करने की प्रक्रिया आसान नहीं है। एनसीआर कॉर्पोरेशन के एमडी नवरोज दस्तूर ने कहा कि अभी हमने कुछ मशीनों में बदलाव कर दिया है। एनसीआर कॉर्पोरेशन की देश भर में 1 लाख से अधिक एटीएम मशीन लगी हुई हैं।
हालांकि बैंकों की तरफ से उनको मशीनों में बदलाव करने के लिए अभी तक नहीं कहा गया है। कैनरा बैंक के चेयरमैन राकेश शर्मा का कहना है कि नोटबंदी के बाद से लोगों के मन में यह धारणा बन गई है कि एटीएम में नए नोट के लिए आसानी से जगह बनाई जा सकती है, लेकिन ऐसा है नहीं।
यह एक बहुत ही जाटिल और समय लेने वाली प्रक्रिया है। नोटबंदी के वक्त भी सभी एटीएम मशीन में बदलाव करने के लिए दो हफ्ते से अधिक का वक्त लग गया था। फिलहाल बैंकों को किसी प्रकार की कोई जल्दबाजी नहीं है, जैसी नोटबंदी के बाद थी।
500, 2000 के नोट की भी कमी
एटीएम के लिए बैंकों के पास 500 और 2 हजार का नोट भी पहले से कम संख्या में सप्लाई हो रहा है। इसमें 30 से 40 फीसदी की गिरावट देखी गई है। वहीं व्हाइट लेबल एटीएम में भी सप्लाई 50 फीसदी तक गिर गई है।