नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को देश के पहले अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान को राष्ट्र को समर्पित किया. ये आयुर्वेद संस्थान दिल्ली के सरिता विहार में बनाया गया है. 10 एकड़ के क्षेत्र में बने इस आयुर्वेद संस्थान पर 157 करोड़ रुपये की लागत आई है. पीएम ने इसका उद्घाटन दूसरे आयुर्वेद दिवस के मौके पर किया. इस संस्थान का निर्माण एम्स की तर्ज पर किया गया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि दुनिया भर में लोग एक बार फिर प्रकृति की तरफ लौट रहे हैं. ऐसे समय में आयुर्वेद के लिये माहौल तैयार करना मुश्किल नहीं होगा. लोग न सिर्फ अच्छे स्वास्थ्य बल्कि तंदरुस्ती की तरफ भी आकर्षित हुये हैं. आयुर्वेद को मजबूत बनाने की जरूरत है. प्रधानमंत्री ने कहा कि आयुर्वेद विशेषज्ञों को ऐसी दवायें खोजने की जरूरत है जो मरीजों को तत्काल राहत दें और दुष्प्रभावों को दूर रखें. मैं निजी क्षेत्र से भी अनुरोध करूंगा कि वे कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व कोष का इस्तेमाल आयुर्वेद को मजबूत बनाने में करें.
पीएम ने इस मौके पर सभी देशवासियों को दिवाली की बधाई भी दी. मोदी ने इस अवसर पर कहा कि कोई भी देश विकास के लिए कितनी भी कोशिश करे लेकिन उसे कभी भी अपने इतिहास को नहीं भूलना चाहिए. अपनी विरासत भूलकर आगे बढ़ने वालों की पहचान खत्म हो जाती है.
मोदी ने कहा कि पहले के दौर में हमारा देश काफी समृद्ध था, हमारे पास जो श्रेष्ठ था उसको ध्वस्त करने में बाहरी लोग जुट गए थे. जब हमें गुलामी से मुक्ति मिली तो उसके बाद हम अपने इतिहास को सरंक्षित नहीं कर पाए. पिछले 3 साल में हमारी सरकार ने पुरानी विरासत को वापस ला रही है.
मोदी ने कहा कि देश के हर जिले में एक आयुर्वेद अस्पताल होना चाहिए. आयुष मंत्रालय इस दिशा में काम कर रहा है.