संदेशखाली की पीड़ित महिलाओं ने राजधानी दिल्ली में ममता बनर्जी के खिलाफ खोला मोर्चा

टेन न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली (16 मार्च 2024): पश्चिम बंगाल के संदेशखाली की पीड़ित महिलाएं लगातार न्याय की गुहार लगा रही है। इसी कड़ी में कल संदेशखाली की पीड़ित महिलाओं ने राष्ट्रपति से मुलाकात की। पीड़ित महिलाओं ने संदेशखाली में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदाय की सुरक्षा के लिए राष्ट्रपति मुर्मु से दखल देने की मांग की।

न्याय की गुहार लगाते हुए आज संदेशखाली की पांच पीड़ित महिलाओं ने दिल्ली के जंतर मंतर पर मौन प्रदर्शन किया। पीड़ित महिलाओं के समर्थन में पहुंची प्रियल भारद्वाज ने टेन न्यूज से कहा कि आज बंगाल की महिलाएं न्याय के लिए दिल्ली के जंतर मंतर पर पहुंची है लेकिन ममता बनर्जी प्रदेश की एक मुख्यमंत्री होने के नाते संदेशखाली की पीड़ित महिलाओं से मिलने नहीं पहुंची।

ममता बनर्जी बंगाल की मुख्यमंत्री हैं लेकिन वह पीड़ित महिलाओं से मिलकर उनकी पीड़ा नहीं समझी, पीड़ित महिलाओं का दर्द राष्ट्रपति ने सुना है। ममता बनर्जी को शर्म आनी चाहिए की एक राज्य के मुख्यमंत्री महिला हो और उसे राज्य में महिलाएं सुरक्षित नहीं है। आज हम सब इन पीड़ित महिलाओं के साथ खड़े हैं और हम सब जस्टिस और न्याय की मांग कर रहे हैं।

पीड़ित महिलाओं के समर्थन मे पहुंची लोपा मुद्रा बनर्जी ने टेन न्यूज से कहा कि मुझे आज शर्म महसूस हो रही है यह बताते हुए की नारियों के साथ बंगाल में अन्याय हुआ है और वहां की सरकार चुप्पी साधकर बैठी रही। आज महिलाओं के साथ अन्याय हुआ है यह महिलाएं लज्जित महसूस कर रही हैं इसलिए अपना मुंह ढक कर यहां प्रदर्शन करने आई है यह समाज के माथे पर एक कलंक है। आज भी महिलाएं बंगाल में सुरक्षित नहीं है।

लोपा मुद्रा बनर्जी ने संदेश खाली घटना पर ममता बनर्जी की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए कहा कि उनके सरकार के एक नेता महिलाओं के साथ अन्याय करते रहे और ममता बनर्जी चुप्पी साधकर बैठी रही। राष्ट्रपति ने इन महिलाओं का दर्द सुना है हम मांग करते हैं कि बंगाल में जल्द से जल्द राष्ट्रपति शासन लगना चाहिए।

सामाजिक कार्यकर्ता पीना पूरी जिंदल ने टेन न्यूज से कहा कि मैं एक महिला हूं और मैं महिला होने के नाते आज पीड़ित महिलाओं के साथ यहां आई हूं और न्याय की गुहार ममता सरकार से लगाती हूं। चाहे किसी के भी साथ हो अन्याय अन्याय है। लेकिन अन्याय को देखकर आंखें मूंद लेना न्याय की परिभाषा कभी नहीं हो सकती है। बंगाल जैसे राज्य में आज महिलाओं के साथ अन्याय हो रहा है, महिलाएं सुरक्षित नहीं है कानून नाम की कोई चीज नहीं है इसलिए मैं मांग करती हूं कि जल्द से जल्द बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाया जाए।।

 

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