इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद कांग्रेस ने पीएम मोदी पर साधा निशाना

टेन न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली (15 फरवरी 2024): आज चुनावी बॉन्ड पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। सर्वोच्च अदालत ने इलेक्टोरल बॉन्ड को अवैध करार देते हुए कहा कि इससे सूचना के अधिकार का उल्लंघन होता है। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को 2019 के बाद से लेकर अब तक के बॉन्ड की जानकारी चुनाव आयोग को देनी होगी। SBI को बताना होगा कि किसने इन बॉन्ड्स को खरीदा है। इसके बाद चुनाव आयोग इस जानकारी को सार्वजनिक करेगा।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कांग्रेस पार्टी ने ट्विट किया की आज यह बात साफ हो गई मोदी सरकार सिर्फ कमीशन, रिश्वतखोरी और काला धन छिपाने के लिए ही ‘इलेक्टोरल बॉन्ड’ लेकर आई थी। इलेक्टोरल बॉन्ड PM मोदी की ‘भ्रष्टाचार बढ़ाओ नीति’ की वो साजिश है, जो आज पूरे देश के सामने बेनकाब हो चुकी है। PM मोदी की ऐसी भ्रष्टाचारी नीतियां लोकतंत्र के लिए बेहद घातक हैं, देश के लिए खतरा हैं।

कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि आज माननीय सुप्रीम कोर्ट की तरफ से इलेक्टोरल बॉन्ड पर एक महत्वपूर्ण फैसला आया है। 2017 में जब इलेक्टोरल बॉन्ड लाया गया था, तब से हमने इसका पुरजोर विरोध किया था।हमारी आपत्तियां थीं यह प्रक्रिया अपारदर्शी है। भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा। काला धन सफेद हो जाएगा। सारा लाभ सत्ता पक्ष को मिलेगा। इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदने वाली कंपनियों और सत्ता पक्ष के बीच एक अनकहा-अनदेखा रिश्ता स्थापित हो जाएगा।

पवन खेड़ा ने कहा कि BJP को ‘इलेक्टोरल बॉन्ड’ में जो 5200 करोड़ रुपए मिले हैं, उसके बदले BJP ने क्या बेचा है। कांग्रेस पार्टी सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का स्वागत करती है और मांग करती है कि- SBI तमाम जानकारी को सार्वजनिक पटल पर रखे, जिससे जनता को मालूम पड़े कि किसने कितना पैसा दिया। यह स्कीम मोदी सरकार ‘मनी बिल’ के तौर पर लाई थी, ताकि राज्यसभा में इसपर चर्चा न हो, यह सीधा पारित हो जाए।

पवन खेड़ा ने कहा कि हमें डर है कि कहीं फिर से कोई अध्यादेश जारी न हो जाए और मोदी सरकार सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से बच जाए। इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम भ्रष्टाचार का मामला है, जिसमें सीधे-सीधे प्रधानमंत्री शामिल हैं। देश पर इलेक्टोरल बॉन्ड को थोपा गया। जबकि चुनाव आयोग, वित्त मंत्रालय और लॉ मिनिस्ट्री के अधिकारियों ने विरोध किया था।

आज प्रधानमंत्री और उनका भ्रष्टाचार बेनकाब हो गया है। प्रधानमंत्री ने मनी बिल लाकर इसे कानूनी जामा पहनाया था, ताकि विधायक खरीदे जा सकें, अपने मित्रों को कोयले की खदान, हवाई अड्डे दिए जा सकें।

 

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