टेन न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली (15 फरवरी 2024): इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम पर सुप्रीम कोर्ट की बड़ी टिप्पणी सामने आई है। फंडिंग के सोर्स की जानकारी जरूरी, चुनावी चंदे की सीमा को हटाने पर विचार। लोकसभा चुनाव के लिहाज से इलेक्टोरल बॉन्ड्स की वैधता को लेकर सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने कहा ‘चुनावी बॉन्ड वोटर के अधिकार का हनन, फंडिंग के सोर्स की जानकारी जरूरी।’
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि इलेक्ट्रोल बॉन्ड की गोपनीयता संविधान में दिए गए जानने के अधिकार के खिलाफ है। राजनीतिक पार्टियों को मिलने वाले फंड के बारे में मतदाताओं को जानने का अधिकार है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राजनीतिक दलों के फंडिंग के बारे में जानकारी होने से लोगों के लिए अपना मताधिकार के इस्तेमाल करने में स्पष्टता मिलती है।।
सर्वोच्च न्यायालय ने चुनावी बॉन्ड को माना असंवैधानिक
सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड योजना को अनुच्छेद 19(1)(ए) का उल्लंघन और असंवैधानिक माना है। सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड योजना को रद्द कर दिया। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि चुनावी बॉन्ड योजना को असंवैधानिक करार देते हुए इसे रद्द करना होगा।
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि बैंक तत्काल चुनावी बॉन्ड जारी करना बंद कर दें। सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि एसबीआई राजनीतिक दलों द्वारा लिए गए चुनावी बॉन्ड का ब्योरा पेश करेगा। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि एसबीआई भारत के चुनाव आयोग को विवरण प्रस्तुत करेगा और ECI इन विवरणों को वेबसाइट पर प्रकाशित करेगा।
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