टेन न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली (14 फरवरी 2024)
किसान आंदोलन का मामला अब उच्च न्यायालय पहुंच गया है। हरियाणा-पंजाब उच्च न्यायालय ने हरियाणा सरकार को फटकार लगाई और कहा कि किसान राष्ट्रीय राजमार्ग पर एकत्रित हो रहे हैं क्योंकि एकत्र होना और आंदोलन करना उनका अधिकार है। इसके अलावा न्यायलय ने इस मामले में पंजाब सरकार को भी फटकार लगाई है।
आपको बता दें की हरियाणा में हाईवे एवं सीमाएं बंद करने और इंटरनेट सेवा बंद करने को लेकर अदालत में एक याचिका दायर की गई थी। इस बीच कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश जी.एस.संधवालिया और न्यायमूर्ति लुपिता बनर्जी की पीठ ने इस मामले की सुनवाई की। गौरतलब है कि किसान एकबार फिर सरकार के खिलाफ अपनी मांगों को लेकर दिल्ली की तरफ कूच कर रहे हैं।
उच्च न्यायालय में इन मुद्दों पर हुई चर्चा
मामले की सुनवाई के दौरान हरियाणा के अतिरिक्त महाधिवक्ता दीपक सभरवाल ने अदालत को बताया कि प्रदर्शनकारी 4000 से अधिक ट्रेक्टर -ट्रॉली लेकर आए थे जिस कारण सरकार को यह कदम उठानी पड़ी। पंचकुला के वकील उदय प्रताप सिंह की ओर से दायर जनहित याचिका में कहा गया है कि हरियाणा के कुछ जिलों में धारा 144 लागू करने और बेरिकेड लगाना लोकतांत्रिक अभिव्यक्ति को दबाने का प्रयास है।
उच्च न्यायालय ने क्या कहा
न्यायालय ने हरियाणा और पंजाब सरकार से गुरुवार तक स्टेटस रिपोर्ट्स दाखिल करने को कहा है। चंडीगढ़ को भी रिपोर्ट दाखिल करने के निर्देश दिए गए हैं।।