टेन न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली (01 फरवरी 2024): 1 फरवरी, बृहस्पतिवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अंतरिम बजट 2024 संसद में पेश करेंगी। इस बाबत अलग – अलग क्षेत्र के उद्यमियों, कारोबारियों एवं निर्यातकों को इस बजट से काफी उम्मीदें हैं।
टेन न्यूज नेटवर्क से खास बातचीत में अंतर्राष्ट्रीय निर्यातक, उद्यमी एवं दिग्गज कारोबारी और हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद के पूर्व चेयरमैन ने आरके मल्होत्रा ने बजट से काफी आशाएं व्यक्त की है और कई महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए हैं।
बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं सरकार की तरफ से जिस प्रकार से कार्य किए जा रहे हैं, और जिस प्रकार से वाणिज्य, उद्योग एवं कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल मेहनत कर रहे हैं, उस मुताबिक कोई भी लक्ष्य प्राप्त करना मुश्किल नहीं है और यह उद्यमिता एवं व्यापार के लिए काफी अच्छा समय है। अमेरिका एवं यूरोप के बाजारों में जो थोड़ी गिरावट आई है, समय के अनुसार वो भी सुधर जाएगा। विशेष रूप से हस्तशिल्प उद्योग में निर्यात कम हुआ है तकरीबन 30 हजार करोड़ का निर्यात हुआ है।
आगामी बजट 2024 से अपेक्षाओं को लेकर बात करते हुए दिग्गज कारोबारी एवं निर्यातक आरके मल्होत्रा ने कहा कि, यदि सरकार हमारी कठिनाइयों को दूर कर देगी तो यह निर्यात क्षेत्र के लिए एक बूस्टर डोज होगा और हम सरकार के लक्ष्यों को आसानी से पूरा कर पाएंगे।
अंतरिम बजट 2024 से निर्यातकों एवं उद्यमियों की अपेक्षाएं
• लंबे समय से हमारी मांग रही है कि हमारे उत्पादों पर ‘ड्यूटी फ्री एंबेलिशमेंट’ हो। आगे कहा कि कई देशों में उत्पादों को निर्यात करने के लिए विशेष मानक तय किए गए हैं। इस मामले को लेकर सरकार ने काफी छूट भी दी है, लेकिन उसके भीतर कुछ ऐसी प्रावधान हैं, जिसके तहत पहले इंपोर्ट लाइसेंस के लिए जाना पड़ेगा तब जाकर ड्यूटी फ्री होगी। ऐसे में छोटे व्यापारियों के लिए काफी बड़ी मुश्किलें होती है और सरकार को इससे लाभ भी नहीं होता। सरकार से ये अनुरोध है कि इस बजट में इसको शामिल करें।
• दूसरी मांग है डिजाइनिंग,रिसर्च एंड डेवलपमेंट जो सभी क्षेत्रों के लिए काफी खर्चा होता है। ऐसे में सरकार को उसके अंदर 200 से 300 फीसदी तक करों की छूट दें ताकि जो लोग इसमें पैसा लगाना चाह रहे हैं या निवेश कर रहे हैं उन्हें इसका लाभ मिल सके। इससे उद्यमियों एवं निर्यातकों को काफी लाभ होगा।
• तीसरी मांग है कि हमें एक भारतीय शिपिंग कंपनी चाहिए। जिसको करों में छूट दें क्योंकि यहां का जो व्यापार है उस मुताबिक तकरीबन 100 मिलियन डॉलर शिपिंग कंपनी को जाता है। बावजूद इसके बाहरी कंपनियां जब चाहें अपने हिसाब से भारतीय निर्यातकों से मौके का फायदा उठाते हैं।
• IGS रिफंड को लेकर बात करते हुए उद्यमी मल्होत्रा ने कहा कि जब हम बाहर से कहीं से कुछ खरीद कर आते हैं तो हमें एयरपोर्ट पर उसमें ड्यूडी पेड वापस मिलता है। लेकिन ये लागू नहीं है, इसे लागू करने की जरूरत है।
• बजट में मार्केटिंग के लिए हो फंड्स है, सरकार को उस फंड्स को बढ़ाना चाहिए क्योंकि निर्यात क्षेत्र के लिए मार्केटिंग ही महत्वपूर्ण है।
•विकसित भारत अभियान में व्यापार की भूमिका एवं अंतरिम बजट 2024 में प्रावधान को लेकर बात करते हुए कहा कि इस बजट में मुझे पूरा विश्वास है कि मध्यम वर्गीय लोगों के लिए काफी कुछ होगा और साथ ही GST टैक्स में भी सरकार कुछ ना कुछ देगी।
• निर्यात में सुधार को लेकर उन्होंने कहा कि इसमें तीन तरीके से सुधार होने वाला है। एक तो यह है कि प्रधानमंत्री जहां भी जाते हैं वह सभी जगहों पर एक हस्तशिल्प उत्पाद एवं हस्तनिर्मित उत्पाद वहां के प्रतिनिधियों को उपहार के रूप में देते हैं, जिससे हस्तशिल्प उद्योग को काफी बढ़ावा मिला है। बायर्स जब भी आते हैं तो इस विषय में बात करते हैं।
आखिरी में उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से भारत डिजाइनिंग के मामले में, गुणवत्ता के मामले में और मार्केटिंग के मामले में काफी आगे हैं। उत्पादकता के मामले में हम थोड़े पीछे हैं लेकिन समय के साथ वो भी पूरा हो जाएगा।।
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