टेन न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली (12/01/2024): अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण जारी है, आगामी 22 जनवरी को नए मंदिर में प्रभु श्री राम भगवान का प्राण प्रतिष्ठा किया जाएगा। प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले तमाम राजनीतिक दलों में सियासी बयानबाजी जारी है। तमाम राजनीतिक दलों के नेताओं को प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने के लिए विश्व हिंदू परिषद की तरफ से निमंत्रण भेजा गया है।
कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी और अधीर रंजन चौधरी को निमंत्रण भेजा गया था लेकिन राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने से कांग्रेस पार्टी ने मना कर दिया है। अब कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा ने प्राण प्रतिष्ठा समारोह पर हीं सवाल उठा दिया है। पवन खेड़ा ने कहा कि क्या भगवान के मंदिर में निमंत्रण से जाया जाता है?
पवन खेड़ा ने कहा कि किस तारीख को किस श्रेणी का व्यक्ति मंदिर जाएगा, क्या यह एक राजनीतिक दल तय करेगा? क्या एक राजनीतिक दल तय करेगा कि मैं अपने भगवान से मिलने कब जाऊं? न इंसान किसी को मंदिर में बुला सकता है और न इंसान किसी को मंदिर जाने से रोक सकता है। किसी भी मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का एक विधि विधान होता है, धर्म शास्त्र होते हैं। चारों पीठों के शंकराचार्य स्पष्ट रूप से कह चुके हैं कि एक अधूरे मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा नहीं की जा सकती।
पवन खेड़ा ने कहा कि ऐसे में अगर यह कार्यक्रम धार्मिक नहीं है, तो यह कार्यक्रम राजनीतिक है। एक राजनीतिक कार्यक्रम में मेरे और मेरे भगवान के बीच एक राजनीतिक दल के कार्यकर्ता बिचौलिए बनकर बैठ जाएं, हम यह बर्दाश्त नहीं करेंगे। एक पूरा संगठन मेरे धर्म का ठेकेदार बनाकर बैठा है, इनकी पूरी IT सेल चारों पीठों के शंकराचार्यों के खिलाफ एक मुहिम छेड़कर बैठी है। इस पूरे आयोजन में कहीं भी धर्म, नीति और आस्था नहीं दिखाई दे रही, सिर्फ राजनीति दिखाई दे रही है।
पवन खेड़ा ने कहा कि मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के लिए 22 जनवरी की तारीख का चुनाव नहीं किया गया है, बल्कि चुनाव देखकर तारीख तय की गई है। किसी एक व्यक्ति के राजनीतिक तमाशे के लिए हम अपने भगवान और आस्था के साथ खिलवाड़ होते हुए नहीं देख सकते।मंदिर निर्माण का कार्य विधिवत पूरा हो, लेकिन इसमें किसी प्रकार का राजनीतिक दखल कोई भी भक्त बर्दाश्त नहीं करेगा।
खेड़ा ने कहा कि हम जानना चाहते हैं मंदिर में कौन आएगा और कौन नहीं, ये बताने वाले आप कौन हैं? प्राण प्रतिष्ठा में VVIP एंट्री लगाने वाले आप कौन हैं? कैमरों की फौज लेकर आधी-अधूरी प्राण प्रतिष्ठा करने वाले आप कौन हैं? विज्ञापन में भगवान राम को उंगली पकड़ाकर चलाने वाले आप कौन हैं, क्या आप भगवान से ऊपर हैं? शंकराचार्यों को नाराज करके RSS के सरसंघचालक वहां जाकर बैठेंगे, प्रधानमंत्री मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा उनकी देखरेख में करेंगे। ये कतई धार्मिक आयोजन नहीं है, ये पूरी तरह राजनीतिक आयोजन है। धर्म व्यक्तिगत आस्था का विषय है। फिर इसका इतना वीभत्स राजनीतिकरण क्यों किया जा रहा है? धार्मिक अनुष्ठानों में राजनीति करना सर्वथा गलत है। यही कारण है कि आज हिंदू धर्म के चार शकराचार्यों ने फैसला लिया है कि वो अयोध्या नहीं जाएंगे।
वहीं कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि धर्म व्यक्तिगत आस्था का विषय है। फिर इसका इतना वीभत्स राजनीतिकरण क्यों किया जा रहा है? धार्मिक अनुष्ठानों में राजनीति करना सर्वथा गलत है। यही कारण है कि आज हिंदू धर्म के चार शकराचार्यों ने फैसला लिया है कि वो अयोध्या नहीं जाएंगे।
श्रीनेत ने कहा कि राम राज्य में तो ऐसा नहीं था कि किसी आदिवासी के सिर पर पेशाब की जाए, भगवान राम ने तो शबरी के बेर खाए थे। सच्चाई ये है कि जिन धार्मिक अनुष्ठानों का काम हमारे साधु-संतों को करना चाहिए, BJP ने उसका बीड़ा भी उठा लिया है, इसलिए आम लोग आहत और आक्रोशित हैं।