दिल्ली में अन्ना हजारे ने वर्त्तमान केंद्र सरकार के लोकपाल नियुक्ति को लेकर उदासीनता के खिलाफ तथा चुनाव प्रक्रिया में सुधार तथा किसानो की समस्यों को लेकर जनांदोलन करेंगे ऐसा निर्णय रालेगण में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला में लिया गया है।
जनांदोलन के मद्देनजर रालेगण में राष्ट्र स्तर की कार्यशाला का आयोजन किया गया था जिसमे दिल्ली,पंजाब,हरियाणा,यूपी,गुजरात,मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़,राजस्थान,आंध्र। प्रदेश सहित देश के अनेक राज्यो से कार्यकर्त्ता बड़ी मात्र में शिबिर में हिस्सा लेने आये थे.केंद्र सरकार को 3 महीनो का अल्टीमेटम देने पश्यात जनवरी 2018 में आंदोलन की घोषणा की है इस कार्यशाला में सभी कार्यकरतोने अपने विचार रखें साथ ही अपने इलाको में इस मामले में जनजागृति की बात कही, अन्ना ने सभा को संबोधित करते हुए कहा की ग्रामसभा लोकसभा और विधानसभा की जननी है इस पूरा अधिकार मिलना चाहिए साथ ही जिन जनप्रतिनिधि को जनता चुनती है वे जनता के प्रति अपनी जिम्मेदारी न निभाते हुए राजनैतिक दलों के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाते है जो लोकतंत्र नहीं है , नोटों( नकारत्मक वोट) के प्रति संवेन्दनशील होना जरुरी है यदि नोटो की मात्रा भारी रही तो चुनाव रद्द करना पड़ सकता है फिर सामान्य मतदाता अपने पसंद के राजनेता चुन सकते है, अन्ना ने किसानो की समस्या पर जोर देते हुए कहा की फसल बिमा पर मनमानी रूप से ब्याज वसूला जाता है जो गलत है बैंक रेगुलेशन कानून तहत फसल बिमा योजना लागु नहीं होने से किसान ख़ुदकुशी करता है, सन् 1972 से जिसप्रकार चक्राकार पद्धति से ब्याज वसूला जाता है इसको रद्द करने संबंधी मांग करके वापस लौटाने की मांग जायेगी कार्यकर्त्ता इस मामले में जनजागृति करें, जिसप्तकर केंद्र सरकार और राज्य सरकार कर्मचारियों को पेंशन लागु होती है उसी प्रकार किसानो को पेंशन लागु करने संबंधी मांग की जायेगी, संसद में प्रलंबित किसान विधेयक को पारित करने संबंधी भी मांग की जायेगी, जिसप्रकार औद्योगिक क्षेत्र को सभी प्रकार की सुविधाएं प्रदान की जाती है उसी प्रकार किसानो को भी सभी सुविधाओ के साथ साथ उनकी जमीन आधिग्रहन संबधी अधिकार ग्रामसभा को दिया जाना चाहिये, कार्यकरतों ने अपना चत्रित साफ़ रखते हुए किसी प्रकार के मोह तथा राजनीति से दुरी बनायीं रखनी चाहिए, संविधान पढ़ना चाहिए जिससे ये संग्राम आम संग्राम होगा,यह आंदोलन भ्रष्टाचार विरोधी जनांदोलन न्यास की विचारधारा पर ही होगा इस शिबिर में प्रो.बालाजी कोम्पलवार,अशोक सब्बन,अल्लाहुद्दीन शैख़, श्याम असावा, अजित देशमुख आदियों चर्चा में हिस्सा लिया.
आंदोलन की तारिख और समय सभी से विचार विमर्श पश्यात जाहिर की जायेगी.