टेन न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली (09 जनवरी 2024): काउंसिल इंडिया, प्रैक्टिकल साइकोलॉजी लर्निंग एंड काउंसलिंग प्लेटफॉर्म, और मेधावी स्किल्स यूनिवर्सिटी (एमएसयू) द्वारा पार्टनरशिप लॉन्च एवं MOU हस्ताक्षर कार्यक्रम का आयोजन किया। 8 जनवरी, 2024 को होटल हॉलिडे इन, मयूर विहार, नई दिल्ली में आयोजित प्रगति 2024-साझेदारी लॉन्च और एमओयू हस्ताक्षर समारोह के अंतर्गत उद्योग और शिक्षा जगत से 400 से अधिक दिग्गज शामिल हुए।
काउंसिल इंडिया और एमएसयू द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्य अथिति के रूप में राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) के सीईओ और एनएसडीसी इंटरनेशनल के प्रबंध निदेशक वेद मणि तिवारी और विशेष अथिति के रूप में दिल्ली पुलिस के विशेष पुलिस आयुक्त आईपीएस रॉबिन हिबू शामिल हुए।
रॉबिन हिबू द्वारा दिए वक्तव्य में इस पार्टनरशिप को जमीनी स्तर से जोड़ने की बात की गई। उन्होंने कहा कि यह पार्टनरशिप भविष्य में एक नई ऊंचाइयों को छूएगी और आज इसकी शुरुआत हो रही है। उन्होंने पर्वतीय आंचल में रहने वाले लोगों के बारे में बताते हुए कहा कि उनकी चुनौतियां और समस्याएं बहुत बड़ी है। मैं व्यक्तिगत स्तर पर और कई संस्थाओं के समन्वय से कई कार्य कर रहा हूं। परंतु अभी बहुत कुछ करने की आवश्यकता है ताकि भारत के उस पर्वतीय अंचल का विकास और विस्तार हो सके। इस पार्टनरशिप के द्वारा काउंसलिंग सेशन को अरुणाचल प्रदेश के पर्वतीय अंचल तक ले जाने के रोड मैप के बारे में भी उन्होंने दोनों संस्थाओं से अपील की है।
काउंसिल इंडिया के सह-संस्थापक और सीईओ, शिवम दीक्षित ने कहा, “हम मेधावी स्किल यूनिवर्सिटी के साथ इस परिवर्तनकारी यात्रा को शुरू करने के लिए उत्साहित हैं। इस अनूठी साझेदारी का उद्देश्य हायर एजुकेशन के साथ-साथ स्किल डेवलपमेंट पर विशेषत: ध्यान देना है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 और नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क (एनसीआरएफ) के अनुरूप, यह साझेदारी मुख्यधारा की शिक्षा के एक अभिन्न अंग के रूप में कौशल के महत्व पर जोर देती है।
काउंसिल इंडिया के संस्थापक और कार्यकारी अध्यक्ष बॉबी ठाकुर ने कहा कि शिक्षा से परे, यह पार्टनरशिप युवाओं के लिए मजबूत रोजगार और कैरियर के अवसर पैदा करता है। साझेदारी से निर्मित यह प्रोग्राम्स मार्किट की उभरती मांगों को पूरा करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं, जिसमें कैरियर परामर्श, आर्गेनाइजेशनल साइकोलॉजी और विशेष चिकित्सा पर जोर देता है। यह कार्यक्रम अपने आप में एक कैटालिस्ट के तौर पर कार्य करेगा, जिससे देश के विकास में वैश्विक प्रभाव देखने को मिलेगा। इसके साथ-साथ यह भारत के भविष्य की शिक्षा में अपना एक अहम योगदान देगा और राष्ट्र की संपन्नता और संप्रभुता को बनाए रखने में इसका अहम योगदान रहेगा।