टेन न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली (04 जनवरी 2024): दिल्ली में आम आदमी पार्टी और केजरीवाल सरकार की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही है। दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में नकली दवाई देने के बाद अब मोहल्ला क्लीनिक में पैथोलॉजी और रेडियोलॉजी टेस्ट में फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है। इस मामले की स्वास्थ्य विभाग ने जांच की और अपनी रिपोर्ट विजिलेंस डिपार्टमेंट को भेज दिया है। एलजी के पास फाइल जाने के बाद एलजी ने अब सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी है।
इस मामले के बाद बीजेपी आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल पर हमलावर हो गई है। बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिल्ली की सर्दी में भी जांच की आंच से पसीने छूट रहे हैं। तथाकथित मोहल्ला क्लीनिक के अंदर इन्होंने जांच (पैथोलॉजिकल टेस्टिंग) की व्यवस्था की थी। विजिलेंस की रिपोर्ट के अनुसार वो जांचे भी अब आंच के घेरे में आ गई है।
विजिलेंस की रिपोर्ट्स के अनुसार 1 दिन में 500 से अधिक जांचें दिखाई गई, जबकि मोहल्ला क्लीनिक का औपचारिक समय सुबह 9 बजे से 1 बजे तक है। अर्थात 240 मिनट में इन्होंने 533 मरीज देख लिए। आधे मिनट में कैसे एक व्यक्ति के रोग की जांच और उसका समाधान किया जा सकता है?
अरविंद केजरीवाल द्वारा स्थापित तथाकथित मोहल्ला क्लीनिकों के अंदर की गई पैथोलॉजिकल परीक्षण व्यवस्था की जांच चल रही है। इससे केजरीवाल को ‘पसीना’ आ रहा है. सबसे पहले तो केजरीवाल के लिए यह शर्म की बात है कि भारत के ‘अमृत काल’ में प्रवेश करने के बाद भी उनकी सोच देश की राजधानी में किसी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल या ऐसी किसी व्यवस्था के स्थान पर मोहल्ला क्लीनिक स्थापित करने तक ही सीमित रही।
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि केजरीवाल का ED के सामने जाने से बचना, ये स्वत: प्रमाणित करता है कि उनको ये पता है कि वे इस जांच की आंच से बच नहीं सकते। क्योंकि अरविंद केजरीवाल ने बयान दिया हुआ है कि केजरीवाल की उपस्थिति में शराब घोटाले में प्रतिशत को बढ़ाकर कमीशन की बात हुई। अब ED के सामने न जाना, केजरीवाल द्वारा उनकी गलती की स्वीकारोक्ति है।
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि केजरीवाल ED के पास जाने से इसलिए डर रहे हैं कि तेरी उल्फत में हूं बैठा इतने राज छिपाएं अगर नजर मिले तो कदम डगमगाए केजरीवाल को पता है कि जैसे ही सवालों से नजर मिलेगी कदम डगमगा जाएंगे।