रंजन अभिषेक
टेन न्यूज नेटवर्क
दरभंगा (20/12/2023): बिहार राज्य धार्मिक न्यास द्वारा मां श्यामा मंदिर, दरभंगा के परिसर में बलि प्रथा पर रोक लगाने को लेकर उपजा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। पूरे मिथिला के लोग इसका विरोध कर रहे हैं और सदियों से चली आ रही मिथिला की परंपरा को बहाल करने की मांग कर रहे हैं।
बता दें कि बिहार राज्य धार्मिक न्यास समिति के इस फैसले के विरोध में मंगलवार को दरभंगा में विशाल मशाल जुलूस निकाला गया। इस मशाल जुलूस में पुरुषों के साथ भारी संख्या में महिलाएं भी शामिल हुईं।
क्या है न्यास समिति का निर्णय
ज्ञात हो कि दरभंगा श्यामा न्यास समिति ने नियम और शर्त के साथ बलि प्रथा से रोक हटाने की घोषणा करते हुए कहा कि बलि प्रथा में मंदिर का कोई सहयोग नहीं मिलेगा,निजी व्यवस्था से लोग बलि दे सकते हैं। मगर, बलि प्रथा के समर्थकों ने प्रताव ठुकरा दिया।
क्या है लोगों की मांग
मिथिला वासियों ने साफ शब्दों में कहा है कि पुरानी परंपरा के अनुसार ही मंदिर परिसर में बलि प्रथा को शुरू किया जाए। किसी भी प्रकार का बदलाव या नई शर्त बलि प्रथा पर लागू नहीं होगी।
सदियों से मिथिला में है बलि प्रदान की परंपरा
गौरतलब है कि मिथिला जो कि ‘शक्ति पूजक प्रदेश’ माना जाता है, यहां वैदिक काल से ही बलि प्रदान की परंपरा है। साथ ही मिथिला में मछली यहां का प्रसिद्ध व्यंजन माना जाता है। सभी शुभ कार्यों में मिथिला वासी मछली-चावल का भोज करते हैं। ऐसे में बिहार राज्य धार्मिक न्यास समिति के इस फैसले से मिथिला वासियों में काफी रोष है।।