दोनों किडनी खराब होने के बावजूद भी सामान्य जीवन जी रहे प्रेमानंद जी महाराज, जानें “दिव्य संत” के विषय में कई अद्भुत बातें

टेन न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली (06 दिसंबर 2023): “लीला बिहारी” घनश्याम की नगरी वृंदावन में एक संत जो अपने अद्भुत प्रवचन एवं अविश्वसनीय जीवन शैली के कारण अक्सर सुर्खियों में बने रहते हैं। उनके उपदेश को न केवल देश बल्कि विदेशों में रहने वाले आस्थावान भक्त भी भगवत मार्ग पाने के लिए सुनते हैं और उसे आत्मसात करते हैं। आपको बता दें कि बीते दिनों आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत भी उनसे मिलने और उनका आशीर्वाद लेने उनके दरबार में गए, वहीं क्रिकेटर विराट कोहली और एक्ट्रेस अनुष्का शर्मा सहित कई बड़े बड़े सेलेब्रिटी उनके दरबार में अपनी हाजिरी लगा चुके हैं। ऐसे दिव्य संत एवं कथावाचक, भगवत प्राप्ति के पथ प्रदर्शक हैं प्रेमानंद जी महाराज।

आज प्रेमानंद जी महाराज की चर्चा केवल वृंदावन या ब्रज क्षेत्र में नहीं बल्कि विश्वभर के सनातन धर्मावलंबियों एवं आस्थावान भक्तों के बीच होती है। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने भी प्रेमानंद जी महाराज से आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त किया। परमानंद जी महाराज की अद्भुत एवं अविश्वनीय जीवन शैली भी काफी चर्चा में बनी रहती है। आज से 18 वर्ष पहले मेडिकल साइंस ने उन्हें और अधिक समय तक नहीं जीने की नसीहत दी थी, क्योंकि उनका दोनों किडनी फेल है। परंतु आपको बता दें कि आज 18 वर्षों के बाद वह दोनों किडनी खराब होने के बावजूद एक सामान्य जीवन जी रहे हैं। जोकि मेडिकल साइंस के लिए एक चुनौती है।

प्रेमानंद जी महाराज की जीवनी

बेहद गरीब परिवार में जन्मे प्रेमानंद जी महाराज आध्यात्मिक मार्ग पर अपनी एक अहम पहचान बना चुके हैं। 13 वर्ष की उम्र में ही उन्होंने अपना घर छोड़ दिया। उन्होंने ब्रह्मचर्य धारण करने के बाद सन्यास ले लिया। उन्होंने अपने जीवन का मुख्य समय वाराणसी में गंगा के किनारे बिताया और भिक्षा लेकर ही अपना जीवन यापन करते थे। उनके विषय में यह भी कहा जाता है कि भगवान शिव ने उन्हें साक्षात दर्शन दिए हैं और भगवान शिव के दर्शन और कृपा के बाद ही उन्हें मथुरा वृंदावन का वास मिला है।

आपको बता दें कि कई प्रबुद्ध और अलग- अलग उच्च पदों पर पदस्थ व्यक्ति जो समाज में अग्रणी भूमिका निभाते हैं वह सभी प्रेमानंद जी महाराज का उपदेश सुनने उनके दरबार में गए हैं। वृंदावन में आज उनकी ख्याति इतनी है कि लोग रात भर खड़े होकर उनका इंतजार करते हैं ताकि उनका एक दर्शन मिल जाए और आज उनके उपदेश को सुनने के लिए लाखों लोग लाइनों में लगे रहते हैं।

उन्होंने अपनी दोनों खराब किडनी को राधा और कृष्ण का नाम दिया है। वह कहते हैं कि जब मन में राधा श्याम बसे हो तो जीवन उन्हीं की हवाले कर देना चाहिए। प्रेमानंद जी महाराज की दरबार की एक और खास बात है कि उनके दरबार में कोई वीवीआईपी नहीं होता बल्कि सभी को वह भगवत स्वरूप मानते हैं।।