मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ किसान- मजदूर संगठनों ने किया जोरदार प्रदर्शन , वेतन वृद्धि की मांग

टेन न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली (28 नवंबर 2023): दिल्ली के जंतर मंतर पर आज केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ किसान और मजदूरों के संगठनों ने संयुक्त रूप से धरना प्रदर्शन किया। इंडियन सेंटर का ट्रेड यूनियन ऑल इंडिया सेक्रेटरी रामसेवक शर्मा ने टेन न्यूज से कहा कि आज देश के मजदूरों, किसानों, देश में संपदा पैदा करने वाले उत्पादक वर्ग के अधिकारों पर हमला बहुत तेजी से बढ़ा है।

केन्द्र सरकार पूरी हठधर्मिता के साथ पूंजीपति वर्ग के अजेंडे के साथ आगे बढ़ रही है। देश में अधिकारों के लिए चल रहे संघर्षों को कुचल रही है। विरोध की आवाज को दबा रही है। लोगों के धन से खड़े सार्वजनिक संस्थानों का निजीकरण किया जा रहा है। रामसेवक शर्मा ने टेन न्यूज से कहा कि स्थायी रोजगार देने वाले दक्षेत्र, हवाई अड्डों, राजमार्ग, रेलवे, बैंक, आयुध फैक्ट्रियों, एल.आई.सी., जी आई सी. आदि को पूंजीपतियों के अमाले करने की नीति ने नौजवानों के स्थाई रोजगार पाने के सपनों को तोड़ दिया है।

नौजवानों द्वारा देश के निर्माण में अपनी बौद्धिक और शारीरिक श्रम से योगदान देने की उम्मीदों को खत्म कर दिया है। सभी के लिए स्थायी और सम्मानजनक रोजगार देने से सरकार ने इनकार कर देशी-विदेशी मुनाफाखोर पूजीपतियों के रहमो-करम पर छोड़ रही है। जहां बतौर मजदूर उनके अधिकारों को मान्यता नहीं दी जा रही है। डायर-फायर की नीति अपनायी जा रही है। काम करने की हालत बेहद असुरक्षित है। कोई सामाजिक सुरक्षा का अधिकार नहीं मिलता है।

मजदूरों को 8 से ज्यादा घंटे काम करने के लिए बाध्य किया जाता है। मेहनत की कीमत, जीवनयापन की जरूरतों को पूरा नहीं करती हैं। देश की राजधानी दिल्ली में 96 प्रतिशत मजदूरों को न्यूनतम वेतन 17,494/-रु. सुनिश्चित नहीं है। नियोक्ता उनके वेतन का 20-57 प्रतिशत तक हड़पाकर मात्र 6000 रुपए से 12000 रुपए देता है। सही और उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा व ईलाज पाना, लगातार मंहगा किए जाने के कारण दिनों-दिन मुश्किल होता जा रहा है।

रामसेवक शर्मा ने कहा कि हम मजदूरों और किसानों को अपनी मांगों के समर्थन में पूंजीपतियों व बहुत ही सीमित तबके को लाभ पहुंचाने वाली सरकार की विनाशकारी नीतियों के खिलाफ जुझारू आंदोलन विकसित करने के लिए आगे आना होगा। मजदूरों-किसानों व समाज के अन्य तबकों का सशक्त आंदोलन समय की पुकार है। इसके लिए हम मजदूरों और किसानों को अपनी ऐतिहासिक भूमिका निभानी होगी। दिल्ली एनसीआर देश के विकास, जीडीपी में योगदान करने वाला महत्वपूर्ण केन्द्र है। आज हम सब आम जन के एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए हम सब आगे आएं। सबसे पहले चार लेबर कोड रद्द करने की मांग करते हैं। इसके साथ सभी को समाजिक सुरक्षा (ईलाज, बुढ़ापा पेंशन, दुर्घटना बीमा, मृत्यु बीमा इत्यादि) दिया जाए। बिजली (संशोधन) विधेयक 2022 वापस लिया जाए। इसके साथ ठेकाकरण बंद करो स्थायी और सम्मानजनक जीवन जीने लायक रोजगार दिया जाए।

हमारी मांग है कि सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों का निजीकरण बंद हो। शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी मौलिक सेवाओं का निजीकरण बंद किया जाए। फसल की लागत का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य तय किया जाए। सभी फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरकारी खरीद सुनिश्चित किया जाए। घोषित न्यूनतम वेतन 17.494/- रु. अकुशल, 19.279/-रु. अद्धकुशल, 21,215/- रु. कुशल श्रमिक को सख्ती से लागू किया जाए। ईएसआई, पीएफ और बोनस कानून में संशोधन कर वेतन की सीमा को 31,000 किया जाए। इसके साथ 26,000 रुपए मासिक न्यूनतम वेतन लागू किया जाए। 10,000 रुपए मासिक पेंशन लागू किया जाए। ई-श्रम कार्ड में पंजीकृत सभी 32 लाख असंगठित क्षेत्र के मेहनतकशों को समाजिक सुरक्षा योजना बना कर लागू किया जाए।।