दिल्ली: सतर्कता मंत्री आतिशी ने दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार पर लगाए गंभीर आरोप

टेन न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली (17 नवंबर 2023): दिल्ली की सतर्कता मंत्री आतिशी ने दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार पर गंभीर आरोप लगाए हैं और दावा किया है कि नरेश कुमार ने उनके बेटे को दिल्ली सरकार से टेंडर दिलाने में गलत तरीके से फायदा पहुंचाया है। न्यूज़ एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि सतर्कता मंत्री आतिशी ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एक पूरक रिपोर्ट सौंपी है, जिसमें मुख्य सचिव के खिलाफ सभी आरोपों का विभिन्न विवरणों के साथ उल्लेख किया गया है।

दिल्ली सरकार का आरोप है कि नरेश कुमार के बेटे करण चौहान की कंपनी मेटामिक्स को कथित तौर पर दिल्ली सरकार के ILBS अस्पताल से “बिना टेंडर के” एआई सॉफ्टवेयर बनाने का काम सौंपा गया था। साथ ही यह भी आरोप लगाया गया कि कंपनी ने इससे सैकड़ों करोड़ रुपये का अप्रत्याशित मुनाफा कमाया। नरेश कुमार दिल्ली के मुख्य सचिव के साथ-साथ ILBS अस्पताल के चेयरमैन भी हैं।

दिल्ली के मंत्री द्वारा 16 नवंबर, 2023 को सौंपी गई पूरक रिपोर्ट में कहा गया है कि नरेश कुमार के बेटे की कंपनी कथित तौर पर केवल सात महीने पहले बनी थी और उन्हें एआई-आधारित सॉफ्टवेयर बनाने का कोई अनुभव नहीं था।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अपनी पूरक रिपोर्ट में एएनआई को पता चला है कि मंत्री आतिशी ने सिफारिश की है कि मुख्य सचिव को तुरंत उनके पद से हटा दिया जाए और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए। साथ ही, उन्होंने मेटामिक्स और ILBS अस्पताल के बीच समझौते को समाप्त करने और मामले को केंद्रीय जांच ब्यूरो को सौंपने की सिफारिश की।

ILBS सोसायटी के मामलों का प्रबंधन, प्रशासन, निर्देशन और नियंत्रण गवर्निंग काउंसिल के आदेशों द्वारा किया जाता है। ILBS की गवर्निंग काउंसिल में नीति निर्माता, शिक्षाविद, वैज्ञानिक और चिकित्सक शामिल हैं और इसका अध्यक्ष अध्यक्ष – मुख्य सचिव होता है। ILBS सोसायटी के मामलों का प्रबंधन, प्रशासन, निर्देशन और नियंत्रण गवर्निंग काउंसिल के आदेशों द्वारा किया जाता है। आईएलबीएस की गवर्निंग काउंसिल में नीति निर्माता, शिक्षाविद, वैज्ञानिक और चिकित्सक शामिल हैं और इसका अध्यक्ष अध्यक्ष – मुख्य सचिव होता है। पूरक रिपोर्ट में कहा गया है कि इसने मेटामिक्स और आईएलबीएस के बीच की गई साझेदारी की प्रकृति की जांच की, इसके अलावा इस साझेदारी के परिणामस्वरूप मेटामिक्स को मिलने वाली “साझेदारी, मौद्रिक और अन्य लाभ” में शामिल होने के लिए अपनाई गई उचित प्रक्रिया की भी जांच की गई। इस सहयोग से उत्पन्न हितों का टकराव, यदि कोई हो।

बता दें कि इससे पहले 16 नवंबर को दिल्ली सरकार ने द्वारका एक्सप्रेसवे परियोजना में 850 करोड़ रुपये के कथित भूमि अधिग्रहण घोटाले का मामला सीबीआई को सौंप दिया था।