टेन न्यूज नेटवर्क
मधुबनी (13 नवंबर 2023): मिथिलांचल वैदिक काल से ही ज्ञानियों, विज्ञानियों, शिक्षार्थियों और धर्मार्थियों की तपोभूमि रही है। मिथिलांचल के प्रांजल भूमि में जनकनंदनी जानकी अवतरित हुईं। वहीं कई शिक्षाविदों मनीषियों का जन्म इस पवित्र तपोभूमि में हुआ।
मिथिलांचल की आत्मा मधुबनी जिलांतर्गत उछाल गांव में बीते 25 वर्षों से भव्यता एवं दिव्यता पूर्वक मां वैष्णवी काली की पूजा अर्चना की जाती रही है। प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी 11 नवंबर से 15 नवंबर तक मां वैष्णवी काली पूजा का भव्य आयोजन किया जा रहा है। जिले भर के लोग माता के चरण में अपना शीश वंदन करने और माता रानी से आशीर्वाद लेने आ रहे हैं। वहीं 13 नवंबर एवं 14 नवंबर को क्रमश: गांव के तमाम युवाओं के द्वारा “भक्त प्रह्लाद” एवं “सस्ता खून महंगा पानी” का मंचन किया जा रहा है।
मां वैष्णवी काली मंदिर, उछाल के इतिहास की बात करें तो आज से 25 वर्ष पूर्व गांव के कई प्रबुद्ध लोगों एवं धार्मिक प्रवृत्ति के लोगों के द्वारा इस मंदिर की स्थापना की गई। स्थापना दिवस से आजतक तक निरंतर समस्त ग्रामीणों द्वारा पूजा अर्चना की जाती रही है। भक्तों की मान्यता है कि माता रानी के दरबार में एकबार जो अपना शीश नवाता है माता रानी उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती है।
ग्रामीणों की मानें तो यह मंदिर गांव के मुख्य प्रवेश द्वार पर अवस्थित है और माता रानी गांव में प्रवेश करने वाली तमाम नाकारात्मक शक्तियों से गांव की रक्षा करती हैं।।