टेन न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली (31 अक्टूबर 2023): आबकारी नीति मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय (ED) के समन भेजे जाने पर राजनीति गरमा गई है। एक तरफ जहां भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। तो वहीं दूसरी ओर विपक्षी पार्टियां केंद्र की भारतीय जनता पार्टी की सरकार को घेरने में लगी हुई हैं। इसी कड़ी में शिवसेना (UBT) सांसद संजय राउत, राजद सांसद मनोज झा समेत कई विपक्ष के नेताओं की प्रतिक्रिया सामने आई है।
आबकारी नीति मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ED के समन पर राजद सांसद मनोज झा ने भारतीय जनता पार्टी पर आरोप लगाते हुए कहा कि “ईडी का नहीं भाजपा का नोटिस मिला है। हमने ED, CBI, IT बोलना बंद कर दिया है। विपक्ष के नोताओं ने तय कर लिया है कि हमें सिर्फ भाजपा से नहीं इन संस्थाओं से भी लड़ना है। इन्होंने अपने चरित्र हनन का खुद से गवाह बनना स्वीकार किया है।”
तो वहीं शिवसेना (UBT) सांसद संजय राउत ने कहा कि “जो उनके विरोधी हैं उनके नेताओं के ऊपर चुनाव से पहले कई आरोप लगाएंगे। मनीष सिसोदिया के खिलाफ कोई सबूत नहीं था उनके खिलाफ सबूत आ गया और उनकी बेल खारिज हो गई। पश्चिम बंगाल के एक मंत्री को भी गिरफ़्तार किया गया। TMC, शिवसेना, RJD, AAP या NCP हो, INDIA गठबंधन के सभी प्रमुख लोगों पर झूठे मुकदमें लगाए जा रहे हैं।”
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ED के समन पर समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि “यह नोटिस सभी को मिलेगा। अगर 140 करोड़ लोग नाराज हैं तो क्या सरकार उन सभी को जेल भेजेगी?”
बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सोमवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आबकारी नीति मामले में समन भेजा है। प्रवर्तन निदेशालय ने 2 नवंबर को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पूछताछ के लिए बुलाया है। इससे पहले केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को इस साल अप्रैल में पूछताछ के लिए बुलाया था। इस दौरान उनसे करीब 9 घंटे तक पूछताछ की गई थी।