एनडीएमसी की बैठक को बीच में छोड़ चले गए केजरीवाल, बीजेपी ने बोला हमला

टेन न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली, (26/10/2023): दिल्ली भाजपा के पूर्व महामंत्री एवं एनडीएमसी के सदस्य कुलजीत सिंह चहल ने आज एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भगौड़ा और डरपोक मुख्यमंत्री बताया और कहा कि जब भी प्रदूषण को लेकर बातचीत होती है तो वह हमेशा बैठक से डरकर भाग जाते हैं। प्रेसवार्ता में प्रदेश भाजपा मीडिया प्रमुख प्रवीण शंकर कपूर भी उपस्थित रहे।

कुलजीत सिंह चहल ने कहा कि एनडीएमसी के बैठकों के इतिहास में यह पहली बार हो रहा है जब बैठक की अध्यक्षता करने वाला ही बैठक छोड़कर 5 बार भाग जाता है। एक आरटीआई में खुलासा हुआ है कि नई दिल्ली विधानसभा के एनडीएमसी क्षेत्र के जी-20 के समय सौंदर्यीकरण में अरविंद केजरीवाल का जीरो योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि जब प्रदूषण के कारण दिल्ली गैस चेंबर में तब्दील होती जा रही है।

केजरीवाल ने अपने दो मंत्रियों को मनगढंत कहानी लेकर प्रेसवार्ता करने के लिए आगे किया जबकि दिल्ली की सड़को में गड्ढे और दिल्ली जलबोर्ड द्वारा पाइप लाइन बिछाने के लिए किए गए गड्ढे प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण है। एनडीएमसी के चीफ सेक्रेटरी द्वारा एनडीएमसी एरिया के अंदर 5 नोडल ऑफिसर को लगाया था जिनके द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है।

कुलजीत सिंह चहल ने कहा कि हमेशा प्रदूषण के पीछे पराली का बहाना करने वाले केजरीवाल के पास इस वक्त पराली का भी बहाना नहीं है क्योंकि रियल टाइम डाटा की स्टडी के अनुसार पंजाब में पराली जलाने के 600 केस आए हैं। उन्होंने कहा कि 2016 में आईआईटी कानपुर ने एक रिपोर्ट सब्मिट की थी जिसमें कुल 5 करोड़ रुपये का खर्च आया था और साथ ही 2018 एवं 2021 में भी रिपोर्ट सबमिट कराई गई थी लेकिन उन रिपोर्टों का क्या हुआ इसकी कोई जानकारी नहीं है। केजरीवाल दिल्ली के टैक्स पेयर्स से की गई गाढ़ी कमाई का पैसा सिर्फ रिपोर्ट तैयार करने में खर्च कर रहे हैं।

चहल ने आरोप लगाया कि डीपीसीसी के अंदर ऐसी रिपोर्ट सबमिट कराने की कोशिश की जा रही है कि दिल्ली में प्रदूषण दिल्ली और पंजाब के कारण नहीं बल्कि हरियाणा और उत्तर प्रदेश के कारण हो रहा है। केजरीवाल सिर्फ ब्लेम गेम खेलते हैं। उन्होंने कहा कि व्हीक्ल्स प्रदूषण से 20 से 25 फीसदी प्रदूषण फैलता है। बायोमास वार्मिंग 15 से 20 फीसदी है। एक तरफ केजरीवाल सरकार ब्लेम गेम खेल रही है जबकि मोदी सरकार बड़े काम कर रही है। ईस्टर्न वेस्टर्न पेरिफेरल 8643 करोड़ रुपए की लागत से बनाई गई जिसमें केजरीवाल सरकार को 4321 करोड़ रुपए देने थे लेकिन उन्होंने नहीं दिया। आज एनडीएमसी में सदस्यता बचाने के डर से केजरीवाल बैठक में भाग लेते हैं क्योंकि अगर तीन बैठक में वे गायब रहे तो उनकी सदस्यता चली जाएगी।।