टेन न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली, (22/10/2023): दिल्ली में लगातार प्रदूषण का स्तर बढ़ता जा रहा है। बढ़ते प्रदूषण के कारण लोगों का हाल बेहाल हो रहा है। राजधानी और उसके आसपास के क्षेत्रों में आज सुबह समग्र वायु गुणवत्ता ‘खराब श्रेणी’ में दर्ज की गई है। दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) शनिवार को 173 के मुकाबले 266 दर्ज किया गया। दिल्ली में आज सुबह प्रदूषण की धुंध भरी चादर देखी गई।
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के बीच करोड़ों की लागत से बना स्मॉग टावर बंद पड़ा है। टेन न्यूज़ की टीम ने कुछ दिन पहले दिल्ली के कनॉट प्लेस में लगे स्मॉग टावर की पड़ताल की तो पता चला कि पिछले 9 से 10 महीना से स्मॉग टावर बंद पड़ा हुआ है। स्मॉग टावर कब चालू होगा इसकी कोई जानकारी फिलहाल न तो हमारे पास है और ना ही सरकार के पास है।
जब टेन न्यूज ने दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय से बंद पड़े स्मॉग टावर पर सवाल पूछा तो गोपाल राय ने कहा कि स्मॉग टॉवर का जो दो साल का पीरियड था वो पूरा हो चुका है। उसकी रिपोर्ट आ चुकी है और सरकार उसपर अध्यन कर रही है। स्पष्ट रूप से दिल्ली के पर्यावरण मंत्री भी यह नहीं बता पाए कि आखिर यह कब चालू होगा।
इसपर दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि पर्यावरण मंत्री गोपाल राय द्वारा अचानक यह स्वीकारोक्ति कि हनुमान टॉवर पर स्मॉग टॉवर बंद कर दिया गया है, यह दर्शाता है कि अरविंद केजरीवाल सरकार प्रदूषण के मुद्दों के प्रति कितनी असंवेदनशील है। सचदेवा ने कहा है कि 2021 में इस स्मॉग टॉवर का उद्घाटन करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी कि इसके साथ ही दिल्ली अपना स्मॉग टॉवर रखने वाला पहला शहर बन जाएगा और इससे दिल्ली में प्रदूषण को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी।
आज यह जानकर आश्चर्य हुआ कि रु. 22.9 करोड़ का स्मॉग टावर सिर्फ इसके आसपास के बमुश्किल 50 मीटर की हवा को साफ करने के लिए था, जबकि सीएम केजरीवाल ने दावा किया था कि यह दिल्ली के प्रदूषण को साफ करने में मदद करेगा। सचदेवा ने कहा है कि स्मॉग टावर बंद होने की बात स्वीकार करते हुए पर्यावरण मंत्री ने कहा कि हम इसकी रिपोर्ट का अध्ययन करेंगे, जबकि टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड के हमारे सूत्र बताते हैं कि स्मॉग टावर लगभग पिछले 10 महीने से बंद था और यह कभी भी तकनीकी रूप से व्यवहार्य परियोजना नही थी।
दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष ने कहा है कि पर्यावरण मंत्री गोपाल राय बताएं कि टाटा ने क्या रिपोर्ट सौंपी है। यह स्पष्ट है कि रु. 22.9 करोड़ के इस स्मॉग टॉवर की उपयोगिता पर कोई शोध किए बिना इस पर पैसे खर्च किए गए थे और इसका उद्देश्य केजरीवाल सरकार की छवि निखारना था जो अब विफल हो गया है। हम जल्द ही उपराज्यपाल से अनुरोध करेंगे की वह जांच के आदेश दें कि रुपये 22.9 करोड़ की इस बर्बादी के लिए कौन जिम्मेदार है।।