टेन न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली (20 अक्टूबर 2023): कांग्रेस मुख्यालय में रिटायर्ड कर्नल रोहित चौधरी ने एक प्रेस वार्ता करते हुए कहा कि हमारे देश की सरकार फौज के ऊपर, फौज की सुरक्षा प्रणाली के ऊपर एक के बाद एक प्रहार करती जा रही है। फौज की सुरक्षा प्रणाली को कमज़ोर करती जा रही है। मोदी सरकार ने जिन हाथों में बंदूक होने चाहिए थे उनके हाथों में अपनी राजनीतिक रोटी चमकाने के लिए बैनर्स पकड़ा दिए हैं।
कर्नल चौधरी ने कहा कि मोदी सरकार फ्लैगशिप स्कीम्स पर कई आदेश पारित किए हैं। डिपार्टमेंट ऑफ डिफेंस को उसने 6 अक्टूबर को एक ऑर्डर जारी किया है। देश में 822 सेल्फी पॉइंट्स बनेंगे जिसको बनाने में सुरक्षा कर्मियों को इसमें लगाया है। यह वो एजेंसियां है जो डायरेक्टली फौज से डील करती हैं, या फौज तहत आती हैं। कानूनी तौर पर यह बिल्कुल गलत है, यह मिसयूज और अब्यूज ऑफ पावर है।
रोहित चौधरी ने कहा कि क्या हमारे देश के सैनिक अब पीएम का प्रचार करेंगे? क्या हमने फौज का स्तर इतना गिरा दिया है? जो हमारे सैनिक देश की सरहदों पर काम करते हैं, क्या वो अब मोदी सरकार को योजनाओं का प्रचार करेंगे? कानूनी तौर पर यह बिल्कुल गैर कानूनी है। रोहित चौधरी ने आर्मी एक्ट के कई बिंदुओं को गिनवाते हुए कहा की कोई भी आर्मी पर्सनल पॉलिटिकल मोटिव से कोई काम नही करेगा। इसीलिए इस चीज का संज्ञान लेना बहुत जरूरी है, आज मोदी सरकार हमारे सैनिकों को इस तरह से डाउनग्रेड कर रही है, सभी पूर्व सैनिक संगठन भी इसे पूरी तरह से खारिज करते हैं। जिन हाथों में बंदूक होने चाहिए उन हाथों में पोस्टर और बैनर नहीं होनी चाहिए, फौज देश की धरोहर है ना की किसी पॉलिटिकल पार्टी या एनडीए की धरोहर है।
रोहित चौधरी ने कहा कि रक्षा मंत्री से कहना चाहूंगा की आप इस तरह के वक्तव्य देने से पहले आर्मी रूल को जान ले, उसी के बाद ऐसे तुगलकी फरमान जारी करें। जिसे कोई भी मानेगा नही, हम सिरे से इसको खारिज करते हैं, तीनों चीफ ऑफ आर्मी, नेवी, एयरफोर्स स्टाफ को हम चिट्ठी लिखेंगे और इस नियम को ना मानने के लिए रिक्वेस्ट करेंगे।
हमारी सेना की सैन्य संस्थान की सेफ्टी बरकरार रखना हमारी अहम जिम्मेदारी है। इसी के तहत सभी पर्सनल सर्विस उनके लिए वर्जित है की वह सोशल मीडिया प्लेटफार्म का इस्तेमाल करें, इससे साबित होता है की कहीं न कहीं देश की सेनाओं को इसमें इंवॉल्व कर रहे हैं। यदि सेना का इस्तेमाल हम राजनीतिक फायदों के लिए करेंगे तो इसका परिणाम बेहद खराब हो सकता है। आज तक सेना का राजनतीकरण नही किया गया क्योंकि फौज हमारे लोकतंत्र और देश की रक्षक है और रक्षा मंत्रालय केवल एक एजेंसी है।।