हाईकोर्ट से राहत मिलने के बाद राघव चड्ढा बोले- न्याय की जीत हुई, बीजेपी ने साधा निशाना

टेन न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली (18 अक्टूबर 2023): आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा को दिल्ली हाई कोर्ट से मंगलवार को बड़ी राहत मिली। कोर्ट ने कहा कि राघव चड्ढा को मौजूदा टाइप-7 सरकारी बंगला खाली नहीं करना होगा। राघव चड्डा ने दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि सत्य की जीत हुई। उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा ये मकान या दुकान की नहीं, संविधान को बचाने की लड़ाई है। आखिर में सच और न्याय की जीत हुई।

इसपर दिल्ली भाजपा सचिव बांसुरी स्वराज ने कहा है कि सांसद राघव चड्ढा और आप पीड़ित कार्ड की भूमिका निभाने में माहिर हैं। लेकिन उन्हें गलत तरीके से आवंटित बंगले के लिए पीड़ित कार्ड की भूमिका निभाते हुए देखना वास्तव में चौंकाने वाला है। जबकि उन्होंने एक बार कहा था कि उन्हें इसकी आवश्यकता नहीं है।

स्वराज ने कहा कि दिल्लीवासी यह देखकर हैरान हैं कि सांसद राघव चड्ढा अपनी पात्रता से परे उन्हें गलत तरीके से आवंटित बंगले को रद्द करने को राज्यसभा से उनके निलंबन के साथ जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं और दोनों को लोकतांत्रिक अधिकारों के दमन के रूप में पेश कर रहे हैं।

स्वराज ने कहा कि केवल दिल्लीवासी बल्कि पंजाब के लोग, जिनका प्रतिनिधित्व राघव चड्ढा राज्यसभा में करते हैं। जानते हैं कि पहली बार सांसद होने के नाते वह प्रशासनिक गलती से आवंटित टाइप VII बंगले के हकदार नहीं हैं और दोनों राज्य के लोगों ने आप नेताओं के हलफनामे देखे हैं जिनमे प्रतिज्ञा की थी कभी बंगला नहीं मांगेंगे ना ही सरकारी लेंगे।

पंजाब एवं दिल्ली के लोग आज चड्ढा को गलत तरीके से आवंटित बंगले को विशेषाधिकार के तौर पर बरकरार रखने के लिए एक अदालत से दूसरी अदालत में दौड़ते देख हैरान हैं।स्वराज ने कहा है कि आज भी सांसद राघव चड्ढा दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश को गलत तरीके से पेश करने की कोशिश कर रहे हैं, कोर्ट ने उन्हें ट्रायल कोर्ट में अपना मामला पेश करने के लिए सिर्फ 3 दिन का समय दिया है, चड्डा ऐसे दिखा रहे हैं जैसे कि दिल्ली हाई कोर्ट ने उन्हे बंगला बरकरार रखने की इजाजत दे दी हो।

चड्ढा द्वारा इस तरह की गलत बयानी बेहद निंदनीय है। बांसुरी स्वराज ने कहा है कि राघव चड्ढा का गलत बंगला आवंटन 3 मार्च 2023 को एस्टेट ऑफिसर द्वारा रद्द कर दिया गया था और 11 अगस्त को राज्यसभा से उनके निलंबन की घोषणा की गई थी, इसलिए दोनों के बीच कोई कानूनी संबंध नहीं है और अन्यथा भी चड्ढा का बंगला आवंटन के लिए विशेषाधिकार का दावा कानूनी रूप से आपत्तिजनक होने के अलावा अनैतिक भी है।।