टेन न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली (17 अक्टूबर 2023): दृढ़ संकल्प ही सफलता की जननी है। अंगद भारद्वाज (13 वर्ष) देश के बच्चों के लिए जाबांजि का एक शानदार उदाहरण है। अंगद पैर मतलब – अत्यंत दृढ़ संकल्प या असंभव कार्य को संभव करना । एक और अंगद का पैर आज लद्दाख की भूमि पर टीका और ऐसा टीका की फिर हटा नहीं, और हटा तो एक नेशनल रिकॉर्ड बनाकर हटा ।
जब इच्छाएं बुद्धि, विचार और दृढ़-भावना से परिष्कृत हो जाती हैं तब ही संकल्प बन पाती हैं। उद्देश्य पूर्ति के लिए इच्छा की अपेक्षा संकल्प अधिक प्रबल है। 19024 फीट की ऊॅचाई पर जाकर उन्होने ये रिकार्ड बनाया है। अंगद की उम्र मात्र 13 वर्ष है और उन्होने वो कारनामा कर दिखाया जो आपको अचंभित कर देगा।
माऊंट ऐवरेस्ट बेस कैम्प से भी अधिक ऊॅचाई पर भारत का उमालिंगला पास बना है, जिसकी ऊॅचाई 19024 फीट है। ऐसे स्थान पर ऑक्सीजन ना के बराबर होती है और जरा सोचिए कैसे एक 13 वर्षीय बालक वहाँ रहकर 7 दिवसीय कठिन ट्रैनिंग करता है। अपने माउंटेनियरिंग के कठोर कार्य से रोंगटे खड़े कर देने वाले 13 वर्षीय अंगद भारद्वाज ने भारत – चाइना बॉर्डर पर देश का मान बढ़ाया है । जिस ऊँचाई (19024 फीट) पर हवा भी ना पहुँचे, वहाँ बाल वीर अंगद ने पहुँच कर सबसे कम उम्र में सर्वाइवल ट्रेनिंग करके एक बेहद मुश्किल रिकॉर्ड इंडिया बुक ऑफ़ रिकॉर्ड में दर्ज किया है ।
बाल वीर अंगद ने यह 7 दिवसीय ट्रैनिंग बोर्डर रोड़ संस्थान के साथ की है। बाल वीर अंगद अदम्य साहस, बहादुरी, निडरता और देश भक्ति जैसे गुणों से भरा हुआ है। मुश्किल हालातो में जीत का जब्बा कैसे कायम रखा जाता है, यह आप मास्टर अंगद भारद्वाज से सीख सकते है। अंगद ने विषम परिस्थितियों व माइनस तापमान में बेहद कठोर ट्रैनिंग – रक्षा मंत्रालय के सीमा सड़क संगठन के साथ 19 अगस्त से 25 अगस्त 2024 तक की तथा इंडिया बुक ऑफ़ रिकॉर्ड में नया कीर्तिमान स्थापित किया।
अंगद के पिता डॉ० प्रदीप भारद्वाज ने बताया की अंगद अत्यंत जोखिम भरी यात्राओं जैसे अमरनाथ, श्री केदारनाथ में अपनी गर्मी की छुट्टीयों में जाकर समाजिक सेवा व पहाड़ के यात्रीयों के लिए गाईड का भी कार्य करता है।
अंगद भारद्वाज भारत का एक मात्र बालक जो कि भारतीय वायु सेना, आई0टी0बी0पी0 द्वारा पर्वतारोहन में प्रतिक्षण प्राप्त है।
अंगद की माता – डॉ० अनीता भारद्वाज ने बताया की, अंगद का राष्ट्रीय रिकार्ड बनाना हमारे सारे परिवार के लिए गर्व की बात है। आजतक वर्ल्ड में किसी बच्चे ने 19000 से की ऊॅचाई पर माउंटन सर्वाइवल व फौजी ट्रैनिंग हांसिल नही की है – मात्र अंगद ही एक ऐसा बच्चा है माँ, जिसने यह अत्याधिक कठिन कार्य करके दिखाया है। चीन सीमा के पास – मास्टर अंगद ने जमकर – हिन्दुस्तान – जिंदाबाद और भारत माता के जयकारा लगाये।
बता दे की, मास्टर अंगद – माऊंट सैंट मैरी स्कूल के शिक्षा ग्रहण कर रहा है और भविष्य में भारतीय सेना में अधिकारी बनने का सपना देखता है।
इण्डिया बुक ऑफ़ रिकार्ड ने यशस्वी अंगद को यह राष्ट्रीय खिताब दिया है और लिखा की यह बालक देश में सबसे कम उम्र का है जिसने 19024 फीट (उमालिंग- ला दरी) की ऊॅचाई पर रहकर देश का नाम रोशन किया है और बेहद कठिन ट्रेनिंग की है ।