संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘पद्मावती’ का पोस्टर हाल ही में रिलीज़ किया गया. फिल्म के पोस्टर की खूब तारीफ हुई. फिल्म दिसंबर में रिलीज़ होने वाली लेकिन इसके पहले ही ये फिर से मुसीबत में पड़ गयी है. राजपूत समुदाय के एक संगठन श्री राजपूत करणी सेना ने जयपुर में फिल्म के पोस्टर को जलाया और रिलीज़ के पहले फिल्म के स्क्रीनिंग की मांग की है.
कुछ दिन पहले करणी सेना ने कहा था कि अगर संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘पद्मावती’ में तथ्यों को ‘विकृत’ किया जाता है, तो वह इस फिल्म की स्क्रीनिंग का विरोध करेगी. श्री राजपूत करणी सेना के संरक्षक और संस्थापक लोकेंद्र सिंह काल्वी ने एक न्यूज़ एजेंसी से कहा था, “लगभग 20 दिन पहले भंसाली की टीम से किसी ने फोन किया था और हमें फिल्म देखने के लिए कहा था. लेकिन, हमने उन्हें फिल्म को इतिहासकारों और बुद्धिजीवियों को दिखाने के लिए कहा. उसके बाद से हमारी उनसे बात नहीं हुई.”
उनका बयान फिल्म के फर्स्ट लुक की रिलीज के बाद आया. इस फिल्म में दीपिका पादुकोण रानी पद्मिनी या चित्तौड़ की पद्मावती का किरदार निभा रही है. फिल्म में रणवीर सिंह अल्लाउद्दीन खिलजी की भूमिका निभा रहे हैं.
जनवरी में करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने भंसाली की ‘पद्मवती’ की टीम के लोगों के साथ दुर्व्यवहार किया था, उपकरणों को तोड़ दिया था और फिल्म के विरोध में प्रदर्शन किया था. उन्होंने दावा किया था कि निमार्ता फिल्म में ऐतिहासिक तथ्यों को विकृत रहे हैं.
काल्वी ने कहा, “हम किसी भी कीमत पर फिल्म में विकृत तथ्यों को दिखाए जाने की अनुमति नहीं देंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि फिल्म भारत के आधे हिस्से में प्रदर्शित ना हो सके.”
करणी सेना ने दावा किया कि किसी भी किताब में यह नहीं लिखा की 13वीं-14वीं सदी में दिल्ली सल्तनत के खिलजी वंश के एक शक्तिशाली शासक अलाउद्दीन खिलजी को पद्मावती से प्यार हुआ था या वह उनका प्रेमी था.
करणी सेना के एक कार्यकर्ता ने कहा, “वे ऐतिहासिक तथ्यों को विकृत करके पद्मावती को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं. यह स्वीकार्य नहीं है.”