दिल्ली नगर निगम के शिक्षकों का सत्याग्रह आंदोलन शुरू, केजरीवाल सरकार पर लगाया गंभीर आरोप

टेन न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली (09/10/2023): दिल्ली एमसीडी में काबिज अरविंद केजरीवाल की सरकार पर एमसीडी के अस्थाई शिक्षकों ने अनदेखी करने का आरोप लगाया है। शिक्षकों ने आज से एमसीडी सिविक सेंटर के बाहर अपनी मांगों को मनवाने के लिए सत्याग्रह पर बैठ गए हैं। शिक्षकों ने कहा कि आज जब हमलोग प्रदर्शन करने वाले थे तो हमारे प्रदर्शन को रोकने के लिए निगम की तरफ से मेयर और अधिकारी स्कूल के निरीक्षण में गए हैं ताकि हम प्रदर्शन में ना पहुंच पाए।

शिक्षकों ने मांग किया कि जितना भी बकाया वेतन है, उसको दिवाली से पहले भुगतान किया जाए। इसके साथ ही सभी विद्यालयों में RTE 2009 के अनुसार छात्र शिक्षक अनुपात लागू कर के शिक्षक उपलब्ध कराए जाएं। स्थाई नियुक्ति होने तक अनुबंध शिक्षक नियुक्त किए जाए। वर्तमान में निगम शिक्षकों के 25% और प्रधानाचार्य के 30% से ज्यादा पद रिक्त हैं जो कि लाखों छात्रों की गुणवत्तापरक शिक्षा में बड़ी बाधा है।

हड़ताल में शामिल कुलदीप सिंह खत्री ने कहा कि 3.5 साल से विभाग प्रधानाचार्य पदोन्नति करने में विफल रहा है, संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही तैयार की जाए। छात्रों के लिए स्टेशनरी जल्द से जल्द उपलब्ध कराई जाए। मिशन बुनियाद की देय अर्जित अवकाश सभी शिक्षकों की सेवा पुस्तिका में चढ़ाई जाए। शिक्षक चार्टर को सख्ती से सभी जोन में लागू किया जाए ।

निगम शिक्षकों के अध्यक्ष कुलदीप सिंह खत्री ने कहा कि रिटायर्ड शिक्षकों को कैशलेश सुविधा उपलब्ध कराई जाए। दिल्ली सरकार की तरह रैफरल की आवश्यकता हटाई जाए।सभी तरह के औचक निरीक्षण से पहले विद्यालयों में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए। सफाई कर्मचारी की संख्या छात्रों के दाखिले और कमरों की संख्या के आधार पर तय की जाए। डेटा एंट्री ऑपरेटर और सिक्योरिटी गार्ड जल्द से जल्द उपलब्ध कराएं जाए । सभी विद्यालयों में अटेंडेंट की नियुक्ति की जाए। आगे कहा कि शिक्षक संगठनों की मान्यता को रद्द करने वाला आदेश वापस लिया जाए। पिछले 8 साल से निगम शिक्षा विभाग कर्मचारियों के मौलिक अधिकार आर्टिकल 1 A का हनन कर रहा जो कि असहनीय है। लगभग 17 साल से स्थाई विद्यालय निरीक्षक की परीक्षा नही हुई है। ये पद तुरन्त भरे जाए। प्रधानाचार्य के 50% पदों पर निगम शिक्षकों की परीक्षा के माध्यम से पदोन्नति की जाए। 50% पर सेवा अनुभव के आधार को रखा जाए।

प्रधानाचार्य पदोन्नति में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार दिव्यांग शिक्षकों को आरक्षण दिया जाए। मेंटोर शिक्षकों को हर 3 साल बाद बदला जाए ताकि ज्यादा से ज्यादा शिक्षक अच्छी ट्रेनिंग ज्यादा से ज्यादा शिक्षक पा के छात्रों को गुणवत्ता परक शिक्षा दे सके। प्रधानाचार्य और मेंटोर शिक्षकों को नॉन वैकेशनल स्टाफ घोषित किया जाए। प्रत्येक विद्यालय में उप प्रधानचार्य का पद सृजित किया जाए ।

निगम शिक्षकों के अध्यक्ष कुलदीप सिंह खत्री ने कहा कि RTE के अनुसार निगम विद्यालयों को कक्षा 8वीं तक बढ़ाया जाए ताकि निगम विद्यालय RTE के अनुसार छात्रों को 14 साल तक मुफ्त व गुणात्मक शिक्षा दे सकें। TWF की रकम 10 लाख की जाए। शिक्षा और शिक्षक संगठनों की समय समय पर मीटिंग की जाए ताकि छात्र व शिक्षक हित के कार्यों में शिक्षक संघ अपनी सकारात्मक भूमिका निभा सकें। हाजरी ऐप अपने निजी फोन में डाउनलोड ना करने पर सैलरी काटने की धमकी से जबरन ऐप डाउनलोड नहीं की जायेगी।।