महिला आरक्षण विधेयक पारित होने के बाद पुरुष आयोग गठन की मांग तेज, कैमरे पर छलका पुरुषों का दर्द

टेन न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली (03 अक्टूबर 2023): महिला आरक्षण विधेयक लोकसभा एवं राज्यसभा में पारित हो गया है। आने वाले समय में भारतीय राजनीति में महिलाओं की उपस्थिति में बढ़ोतरी होने की संभावना है। तो वहीं देश में अब पुरुष आयोग के गठन की मांग तेज हो गई है। पुरुष आयोग की मांग को लेकर सोमवार को दिल्ली में पुरुषों ने प्रचंड प्रदर्शन किया। एमसी इंडिया काउंसिल फॉर मैन अफेयर्स के तरफ से संयुक्त धरने का आयोजन किया गया।

एनसीएमइंडिया काउंसिल फॉर मेन अफेयर्स देश में विशेष रूप से वैवाहिक और रिश्ते के मुद्दों के कारण “पुरुष आत्महत्याओं” की बढ़ती संख्या की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए 2 अक्टूबर 2023 को जंतर मंतर पर धरने का आयोजन किया। इस बाबत भारत के प्रधान मंत्री को एक ज्ञापन भी दिया जाएगा जिसमें “राष्ट्रीय पुरुष आयोग” के गठन और “लिंग तटस्थ कानून” बनाने की मांग की जाएगी।

प्रदर्शन कर रहे पुरुषों ने कहा कि हमारे कानून निर्माताओं और न्यायपालिका ने हमारी महिलाओं के जीवन, स्वतंत्रता और सम्मान की रक्षा के लिए कुछ कानून बनाए हैं। लेकिन कुछ आपराधिक मानसिकता वाले लोगों ने इन महिला केंद्रित कानूनों का इस्तेमाल निर्दोष लोगों से जबरन वसूली और उत्पीड़न करने के लिए करना शुरू कर दिया है। जो कानून कमजोर लोगों को बचाने के उद्देश्य से बनाया गया था, उसे हिसाब बराबर करने और अपने भयावह इरादों को पूरा करने के लिए एक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जाने लगा।

कुछ महिलाओं और उनके परिवारों के द्वारा अपने ही निर्दोष पतियों और ससुराल वालों के खिलाफ आईपीसी धारा 498ए, 354, 376 और अन्य के साथ-साथ दहेज संरक्षण अधिनियम के प्रावधानों का दुरुपयोग बढ़ रहा है। दुरुपयोग इतना गंभीर हो गया कि भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने भी कई बार इस पर अपनी चिंता व्यक्त की। एक तरफ बलात्कार की बढ़ती घटनाएं हम सभी के लिए चिंता का विषय है, वहीं दूसरी तरफ हिसाब बराबर करने और उगाही के लिए झूठे बलात्कार के मामले दर्ज कराने की प्रवृत्ति भी बढ़ रही है। झूठे बलात्कार के मामलों पर नियंत्रण रखने के साथ-साथ यह सुनिश्चित करने की तत्काल आवश्यकता है कि बलात्कार के वास्तविक पीड़ितों को हमेशा त्वरित न्याय मिले।

जहां एक ओर कई वास्तविक पीड़ितों को उनके खिलाफ किए गए अपराधों के लिए न्याय पाने में अभी भी बहुत सारी बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है तो वहीं दूसरी ओर कुछ आपराधिक मानसिकता वाली महिलाएं और कुछ सिंडिकेट निर्दोषों को फंसाने के लिए कानूनों के इन प्रावधानों का दुरुपयोग कर रहे हैं।।