रमेश बिधूड़ी के बयान पर बवाल, BJP सांसद हरनाथ सिंह यादव ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को लिखा पत्र

टेन न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली (24 सितंबर 2023): भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सांसद हरनाथ सिंह यादव ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ BSP सांसद दानिश अली की कथित अपमानजनक टिप्पणी पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखा है। उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मांग किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ BSP सांसद दानिश अली की कथित अपमानजनक टिप्पणियों की भी जांच की जानी चाहिए।

बीजेपी सांसद हरनाथ सिंह यादव ने अपने पत्र में कहा है कि “लोकसभा में सदन की कार्यवाही के दौरान सांसद रमेश बिधूड़ी के द्वारा जो कुछ कहा गया उसका मैं कतई समर्थन नहीं करता, लेकिन मैं इस बात का भी कतई समर्थन नहीं कर सकता, जो प्रधानमंत्री के संदर्भ में ‘नीच’ शब्द का इस्तेमाल सांसद दानिश अली के द्वारा किया गया और शायद इसी प्रतिक्रिया में रमेश बिधूड़ी का आपत्तिजनक बयान आया। मेरा आपसे विनम्र अनुरोध है कि जिस तरह देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पूरी दुनिया और देश की जनता आदर और सम्मान देती है इस तरह का सम्मान संवैधानिक पदों पर बैठे सांसदों को भी देना चाहिए।”

बीजेपी सांसद हरनाथ सिंह यादव ने कहा कि “आश्चर्य है कि विपक्ष में बैठे लोग हर विषय को राजनैतिक रंग देते हैं, किसी भी विपक्ष के नेता ने दानिश अली के असभ्य आचरण का संज्ञान नहीं लिया और सारी सीमायें तो तब टूट गयी जब विपक्ष के मौहब्बत की दुकान चलाने वाले और विदेशी धरती पर देश के सम्मान को धूलधूसरित करने वाले नेता दानिश अली के आवास पर नफरत की आग पैदा करने के लिए पहुँच गये।”

उन्होंने आगे कहा कि “सदन के अंदर और बाहर आए दिन प्रधानमंत्री के खिलाफ अमर्यादित शब्दों का प्रयोग करना आम प्रचलन हो गया है, जिसकी कोई सीमा नहीं रह गई है। संसद लोकतंत्र का पवित्र मंदिर है, संविधान लोकतंत्र की आत्मा है और सांसद लोकतंत्र के रक्षक हैं। संसद की गरिमा को बचा कर ही हम लोकतंत्र की रक्षा कर सकते हैं। संसदीय मूल्यों, परंपराओं और मान मर्यादाओं की हर कीमत पर रक्षा अपरिहार्य है।”

हरनाथ सिंह यादव ने कहा कि “मेरे अंदर इस बात को लेकर बहुत झोभ और गुस्सा है कि हमारे यशस्वी और जन जन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए संसद के अन्दर ‘नीच’ शब्द का इस्तेमाल किया गया। अन्त में मैं आपसे विनम्र आग्रह करता हूं कि सम्पूर्ण प्रकरण की गहन जाँच हो तथा दूध का दूध और पानी का पानी होना चाहिए।”