टेन न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली (24 सितंबर 2023): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज ‘मन की बात’ कार्यक्रम के जरिये देशवासियों से बात की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मन की बात’ कार्यक्रम का आज 105वां एपिसोड है। इस दौरान उन्होंने जी-20 की सफलता और चंद्रयान-3 की सफलता का जिक्र किया है। साथ ही पीएम मोदी ने छात्रों से G20 यूनिवर्सिटी कनेक्ट प्रोग्राम में जुड़ने की अपील की है। साथ ही उन्होंने लोगों से आग्रह किया है कि कहीं घूमने जाने की योजना बनाएं, तो ये प्रयास करें कि भारत की विविधता की दर्शन करें।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि “इन दिनों 2 विषयों में मुझे बहुत पत्र मिले हैं- पहला चद्रंयान-3 की सफल लैंडिंग और दूसरा दिल्ली में G20 का सफल आयोजन। जब चद्रंयान-3 का लैंडर चंद्रमा पर उतरने वाला था तब करोड़ों लोग अलग-अलग माध्यमों के जरिए एक साथ इस घटना के पल-पल साक्षी बन रहे थे। ISRO के यूट्यूब चैनल पर 80 लाख से ज्यादा लोगों ने इसे देखा। आपने आप में ये रिकॉर्ड है।”
उन्होंने आगे कहा कि “चंद्रयान की इस सफलता पर देश में इन दिनों एक बहुत ही शानदार प्रश्न स्पर्धा भी चल रहा है और उसे ‘चंद्रयान-3 महाक्विज’ नाम दिया गया है। MyGov.पोर्टल पर हो रहे इस स्पर्धा में अब तक 15 लाख से अधिक लोग हिस्सा ले चुके हैं। चंद्रयान-3 की सफलता के बाद G-20 के शानदार आयोजन ने हर भारतीय की खुशी को दोगुना कर दिया। भारत मंडपम तो अपने आप में एक सेलिब्रिटी की तरह हो गया है। लोग उसके साथ सेल्फी खिंचा रहे हैं और गर्व से पोस्ट भी कर रहे हैं। भारत ने इस समिट में अफ्रीकी संघ को G-20 में फुल मेंबर बनाकर अपने नेतृत्व का लोहा मनवाया है।”
पीएम मोदी ने छात्रों से G20 यूनिवर्सिटी कनेक्ट प्रोग्राम में जुड़ने की अपील करते हुए कहा कि “दिल्ली में एक और आयोजन होने जा रहा है-G20 यूनिवर्सिटी कनेक्ट प्रोग्राम। इस कार्यक्रम के माध्यम से देशभर के लाखों विश्वविद्यालय के विद्यार्थी एक-दूसरे से जुड़ेंगे। अगर आप कॉलेज विद्यार्थी हैं तो 26 सितंबर को होने वाले इस कार्यक्रम को जरूर देखिएगा और इससे जरूर जुड़िएगा।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि “27 सितंबर को विश्व पर्यटन दिवस हैं, पर्यटन को कुछ लोग सिर्फ सैर-सपाटे के तौर पर देखते हैं, लेकिन पर्यटन का एक बहुत बड़ा पहलू रोजगार से जुड़ा है। मेरा आप सबसे आग्रह है कि जब आप कहीं घूमने जाने की योजना बनाएं, तो ये प्रयास करें कि भारत की विविधता की दर्शन करें।”
पीएम मोदी ने कहा कि “21 साल की कैसमी इन दिनों इंस्टाग्राम पर खूब छाई हुई है। जर्मनी की रहने वाली कैसमी कभी भारत नहीं आई है, लेकिन, वो, भारतीय संगीत की दीवानी है, जिसने, कभी भारत को देखा तक नहीं, उसकी भारतीय संगीत में ये रूचि, बहुत ही प्रेरणादायक है।
उन्होंने कहा कि “नैनीताल जिले में कुछ युवाओं ने बच्चों के लिए अनोखी घोड़ा लाइब्रेरी की शुरुआत की है। इस लाइब्रेरी की सबसे बड़ी विशेषता यही है कि दुर्गम से दुर्गम इलाकों में भी इसके जरिए बच्चों तक पुस्तकें पहुंच रही हैं और इतना ही नहीं, ये सेवा बिल्कुल नि:शुल्क है। अब तक इसके माध्यम से नैनीताल के 12 गांवों को कावर किया गया है।”
उन्होंने आगे कहा कि “मुझे हैदराबाद में लाइब्रेरी से जुड़े एक ऐसे ही अनूठे प्रयास के बारे में पता चला है। यहां, सातवीं क्लास में पढ़ने वाली बिटिया ‘आकर्षणा सतीश’ ने तो कमाल कर दिया है। आपको यह जानकार आश्चर्य हो सकता है कि महज 11 साल की उम्र में ये बच्चों के लिए एक-दो नहीं, बल्कि, सात-सात लाइब्रेरी चला रही है।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि “हमारे शास्त्रों में कहा गया है- जीनेषु करुणा चापि, मैत्री तेषु विधीयताम्। अर्थात, जीवों पर करूणा कीजिए और उन्हें अपना मित्र बनाइए। हमारे तो ज्यादातर देवी-देवताओं की सवारी ही जीव-जन्तु हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि “आजादी का ये अमृतकाल, देश के लिए हर नागरिक का कर्तव्यकाल भी है। अपने कर्तव्य निभाते हुए ही हम अपने लक्ष्यों को पा सकते हैं, अपनी मंजिल तक पहुंच सकते हैं। कर्तव्य की भावना, हम सभी को एक सूत्र में पिरोती है।”
पीएम मोदी ने कहा कि “यूपी के संभल जिला के लोगों ने जनभागीदारी और सामूहिकता की मिसाल कायम की है है। 70 गांवों ने एकजुट होकर सोत नदी को पुनर्जीवित किया है। आपको ये जानकर खुशी होगी कि साल के पहले 6 महीने में ही ये लोग नदी के 100 किलोमीटर से ज्यादा रास्ते का पुनरुद्धार कर चुके थे। जब बारिश का मौसम शुरू हुआ तो यहां के लोगों की मेहनत रंग लाई और सोत नदी, पानी से, लबालब भर गई।”
पीएम ने कहा कि “पश्चिम बंगाल की शकुंतला सरदार के हुनर ने उनके पूरे परिवार की जिंदगी बदल दी। वो कई दूसरी महिलाओं के लिए प्रेरणा बन चुकी हैं। उन्होंने सिलाई मशीन के जरिए ‘साल’ के पत्तों पर खूबसूरत डिजाइन बनाना शुरू किया। अब वह कई महिलाओं को ट्रेनिंग देने का काम भी कर रही हैं।”
उन्होंने कहा कि “दिल्ली में G-20 समिट के दौरान उस दृश्य को भला कौन भूल सकता है, जब कई वर्ल्ड लीडर्स बापू को श्रद्धासुमन अर्पित करने एक साथ राजघाट पहुंचे। यह इस बात का एक बड़ा प्रमाण है कि दुनिया भर में बापू के विचार आज भी कितने प्रासांगिक है।”