टेन न्यूज नेटवर्क,
नई दिल्ली, (19 सितंबर 2023): संसद के विशेष सत्र का आज यानी मंगलवार को दूसरा दिन है। आज से संसद की कार्यवाही नए संसद भवन में आयोजित की जाएगी। संसद के विशेष सत्र के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि “आज नए संसद भवन में हम सब मिलकर नए भविष्य का श्री गणेश करने जा रहे हैं। आज हम यहां विकसित भारत का संकल्प दोहराना, फिर एक बार संकल्प बद्ध होना और उसको परिपूर्ण करने के लिए जी जान से जुटने के इरादे से नए भवन की तरफ प्रस्थान कर रहे हैं।” साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सांसदों और देशवासियों को गणेश चतुर्थी की शुभकामनाएं दीं।
पीएम मोदी ने कहा कि “यह भवन और उसमें भी यह सेंट्रल हॉल, एक प्रकार से हमारी भवानाओं से भरा हुआ है। हमें भावुक भी करता है और हमें कर्तव्य के लिए प्रेरित भी करता है। आजादी के पूर्व यह खंड एक तरह से लाइब्रेरी के रूप में इस्तेमाल होता था। आजादी के बाद में संविधान सभा की बैठकें यहां हुईं और संविधान सभा की बैठकों के द्वारा गहन चर्चा के बाद हमारे संविधान ने यहां आकार लिया। यहीं पर 1947 में अंग्रेजी हुकूमत ने सत्ता हस्तांतर किया। उस प्रक्रिया का साक्षी यह सेंट्रल हॉल है। इसी सेंट्रल हॉल में हमारे तिरंगे, राष्ट्रगान को अपनाया गया। इस एतिहासिक अवसरों पर आजादी के बाद अनेक अवसर आए जब दोनों सदनों के मिलकर भारत के भाग्य को गणने के लिए सहमती बनाई। 1952 में करीब 42 राष्ट्राध्यक्षों ने इस सेंट्रल हॉल में संबोधित किया है। हमारे राष्ट्रपति महोदयों द्वारा 86 बार संबोधित किया गया। दोनों सदनों ने मिलकर करीब 4000 क़ानून पास किए हैं।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि “आज भारत पांचवी अर्थव्यवस्था पर पहुंचा है लेकिन पहले 3 के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है। मैं जिस स्थान पर हूं उस जानकारी के आधार और विश्व के गणमान्य लोगों से बातचीत करता हूं उस आधार पर कह रहा हूं कि दुनिया आश्वस्त है कि भारत टॉप 3 में पहुंचकर रहेगा।”
उन्होंने आगे कहा कि “हमें आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को सबसे पहले परीपूर्ण करना चाहिए और यह हम से, हर नगारिक से शुरूआत होती है। एक समय ऐसा था कि लोग लिखते थे कि ‘मोदी आत्मनिर्भर की बात करता है, कहीं बहुपक्षीय के सामने चुनौती नहीं बन जाएगा।’ हमने पांच साल में देखा कि दुनिया भारत के आत्मनिर्भर मॉडल की चर्चा करने लगी है।”
पीएम मोदी ने कहा कि “हमारे विश्वविद्यालय दुनिया के अंदर टॉप रैंकिंग में आए, अब हमें इसमें पीछे नहीं रहना है। अभी जब G 20 में विश्व के मेहमान आए मैंने वहां नालंदा की तस्वीर रखी थी, जब मैं दुनिया के नेताओं को कहता था कि 1500 साल पहले मेरे देश में उत्तम से उत्तम विश्वविद्यालय हुआ करती थी तो वे सुनते ही रह जाते थे।”
राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि “हम सभी आज यहां एक साथ ऐतिहासिक सेंट्रल हॉल में भारत की संसद की समृद्ध विरासत का जश्न मनाने के लिए एकत्र हुए हैं। इसी सेंट्रल हॉल में संविधान सभा की बैठक 1946 से 1949 तक हुई थी। आज हम विनम्रतापूर्वक डॉ. राजेंद्र प्रसाद, पंडित जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभभाई पटेल और बीआर अंबेडकर के योगदान को याद कर रहे हैं।”
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि आज से हमारी संसद के दोनों सदनों की बैठकें नए संसद भवन में होंगी। हम सभी जानते हैं कि यह सेंट्रल हॉल ब्रिटेन से भारत में सत्ता हस्तांतरण का गवाह रहा है। मैं नए भवन से संसद के दोनों सदनों के कामकाज को लेकर बहुत खुश और उत्साहित हूं, जो नए और उभरते भारत का प्रतीक है, जो 2047 तक प्रधानमंत्री की परिकल्पना के अनुसार एक विकसित राष्ट्र का मार्ग प्रशस्त करेगा।
भाजपा सांसद मेनका गांधी ने कहा कि “आज यह एक ऐतिहासिक दिन है और मुझे इस ऐतिहासिक क्षण का हिस्सा बनने पर गर्व है। हम एक नई इमारत में जा रहे हैं और उम्मीद है कि यह भव्य इमारत नए भारत की आकांक्षाओं को प्रतिबिंबित करेगी। आज, मुझे लोकसभा में सबसे वरिष्ठ सांसद के रूप में इस सम्मानित सभा को संबोधित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। मैंने अपना अधिकांश जीवन इस संस्थान में बिताया है और मैंने 7 प्रधानमंत्रियों और भव्य इतिहास को आकार लेते हुए देखा है। एक स्वतंत्र सदस्य के रूप में मेरे पास कई कार्यकाल थे और अंततः अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में भाजपा में शामिल हुई।”
कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी का कहा कि “इस अवसर का लाभ उठाते हुए, बिना किसी मलाल के और बिना कुछ कहे, मैं कहना चाहुंगा कि मैं इस मंच पर खड़ा होकर उत्साहित महसूस कर रहा हूं, जिसने दिग्गजों की आकाशगंगा के बीच ऐतिहासिक घटनाओं और कई महत्वपूर्ण घटनाओं का कारवां देखा है।”
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि “आज नए संसद भवन में प्रवेश करना एक एतिहासिक पल है और यह हम सभी के लिए यादगार रहेगा। नया संसद भवन हमारी सांस्कृतिक विरासत और आधुनिकता का जीवंत उदाहरण है। संसद हमेशा से एकता का प्रतीक रहा है। लक्ष बड़ा है, रात कठिन है लेकिन मुझे पूरा विश्वास है सदन में जो जनप्रतिनिधि बैठे हैं वे अपने दायित्वों का पूर्ण निष्ठा से निर्वाहण करेंगे और अमृतकाल में एक समृद्ध, सशक्त और विकसित भारत का सृजन का आधार बनेंगे।”
आपको बता दे की संसद के पांच दिवसीय विशेष सत्र की शुरुआत कल यानी सोमवार से शुरू हो चुकी है। यह सत्र 22 सितंबर तक चलेगा।