संसद का विशेष सत्र: ये रोने-धोने का समय नहीं है, सत्र छोटा है लेकिन ऐतिहासिक है: पीएम मोदी

टेन न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली, (18/09/2023): संसद का विशेष सत्र आज से शुरू हो रहा है, इस बीच सियासी सरगर्मी तेज हो गई है। विपक्ष का आरोप है की सरकार के तरफ से एजेंडा साफ नहीं किया गया है, कि आखिर विशेष सत्र क्यों बुलाया गया है। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद के विशेष सत्र में पहुंचे और उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि यह सत्र छोटा है लेकिन ऐतिहासिक है।

सांसद के विशेष सत्र से पहले पीएम मोदी ने कहा कि मून मिशन की सफलता चंद्रयान-3, हमारा तिरंगा फहरा रहा है। शिव शक्ति प्वाइंट नई प्रेरणा का केंद्र बना है। तिरंगा प्वाइंट हमें गर्व से भर रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि जी-20 में भारत इस बात के लिए हमेशा गर्व करेगा कि हम ग्लोबल साउथ की आवाज बनें।

पीएम मोदी ने कहा कि अफ्रीकन यूनियन को स्थायी सदस्यता और जी-20 में सर्वसम्मति से डिक्लेरेशन ये सारी बातें भारत के उज्ज्वल भविष्य के संकेत दे रही हैं। ये सही है कि संसद का ये सत्र छोटा है लेकिन समय के हिसाब से ये बहुत बड़ा है। ऐतिहासिक निर्णयों का ये सत्र है।

पीएम मोदी ने कहा कि मैं सभी सांसदों से आग्रह करता हूं कि छोटा सत्र है, उनका ज्यादा से ज्यादा समय मिले, उत्साह और उमंग के वातावरण में मिले। रोने-धोने के लिए बहुत समय होता है करते रहिए। पीएम मोदी ने कहा कि कल गणेश चतुर्थी का पावन पर्व है। गणेश जी विघ्नहर्ता माने जाते हैं। अब भारत की विकास यात्रा में कोई विघ्न नहीं रहेगा, अब निर्विघ्न रूप से सारे संकल्प और सपनें भारत परिपूर्ण करेगा। इसलिए गणेश चतुर्थी के दिन ये नव प्रस्थान नए भारत के सारे सपनों को चरितार्थ करने वाला बनेगा।

पीएम मोदी ने कहा कि नए स्थान पर उस यात्रा को आगे बढ़ाते समय, नए संकल्प, नई ऊर्जा और नए विश्वास से काम करना है। 2047 तक देश को विकसित बनाना है। इसके लिए जितने भी निर्णय होने वाले हैं, वो सभी इस नए संसद भवन में होंगे।

पीएम ने कहा कि इस समय सारे देश में उमंग का माहौल और एक नया आत्मविश्वास हम सभी महसूस कर रहे हैं। उसी समय संसद का ये सत्र हो रहा है। ये सत्र छोटा है, लेकिन समय के हिसाब ये बहुत बड़ा है। ऐतिहासिक निर्णयों के ये सत्र है। इस सत्र की एक विशेषता ये है कि 75 साल की यात्रा अब नए मुकाम से शुरू हो रही है। पूरे विश्व में इस प्रकार की उपलब्धि को आधुनिकता, विज्ञान और टेक्नोलॉजी से जोड़कर देखा जाता है और जब ये सामर्थ्य विश्व के सामने आता है, तो अनेक संभावना, अनेक अवसर हमारे दरवाजे पर आकर खड़े हो जाते हैं।