टेन न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली, (17 सितंबर 2023): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने द्वारका में इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर में ‘पीएम विश्वकर्मा’ योजना का उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने ‘पीएम विश्वकर्मा’ का प्रतीक, टैगलाइन और पोर्टल भी लॉन्च किया। साथ ही उन्होंने विभिन्न कलाकारों और शिल्पकारों को पीएम विश्वकर्मा प्रमाण पत्र वितरित किए। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, निर्मला सीतारमण और पीयूष गोयल भी मौजूद रहे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पीएम विश्वकर्मा योजना का शुभारंभ करने के बाद कहा कि “भगवान विश्वकर्मा के आशीर्वाद से आज प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना का आरंभ हो रहा है। हाथ के हुनर से, औजारों से, परंपरागत रूप से काम करने वाले लाखों कारीगारों के लिए पीएम विश्वकर्मा योजना उम्मीद की एक नई किरण बनकर आ रही है। इसके साथ ही देश को इंटरनेशनल एग्जीबिशन सेंटर ‘यशोभूमि’ भी मिला है। हमारी सरकार अपने विश्वकर्मा भाई-बहनों का सम्मान बढ़ाने, उनका सामर्थ्य बढ़ाने और उनकी समृद्धि बढ़ाने के लिए एक सहयोगी बनकर आगे आई है।”
पीएम मोदी ने कहा कि “आजकल हम देखते हैं कि बड़ी-बड़ी कंपनियां भी अपने प्रोडक्ट बनाने के लिए अपना काम दूसरी छोटी-छोटी कंपनियों को देती हैं। ये विश्व में एक बहुत बड़ी इंडस्ट्री है। आउटसोर्सिंग का काम भी हमारे विश्वकर्मा साथियों के पास आए, आप बड़ी सप्लाई चेन का हिस्सा बनें। हम इसके लिए आपको तैयार करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि “कुछ दिन पहले हमने देखा कि कैसे भारत मंडपम को लेकर दुनिया भर में चर्चा हुई है। ये इंटरनेशनल एक्जीबिशन सेंटर-यशोभूमि इस परंपरा को और भव्यता से आगे बढ़ा रहा है।”
उन्होंने कहा कि “जिसे कोई नहीं पूछता, उसके लिए गरीब का ये बेटा मोदी, उसका सेवक बनकर आया है। सबको सम्मान का जीवन देना, सभी को सुविधा पहुंचाना। ये मोदी की गारंटी है।”
पीएम मोदी ने कहा कि “बदलते हुए समय के साथ विकास के, रोजगार के नए-नए सेक्टर्स भी बनते हैं। आज से 50-60 साल पहले इतनी बड़ी IT इंडस्ट्री के बारे में कोई सोच भी नहीं सकता था। आज से 30-35 साल पहले सोशल मीडिया भी कल्पना भर ही था। आज दुनिया में एक और बड़ा सेक्टर बन रहा है, जिसमें भारत के लिए असीम संभावनाएं हैं। ये सेक्टर है कॉन्फ्रेंस टूरिज्म का। आज का नया भारत खुद को कॉन्फ्रेंस टूरिज्म के लिए भी तैयार कर रहा है।”
उन्होंने कहा कि “भारत मंडपम हो या यशोभूमि। ये भारत के आतिथ्य, भारत की श्रेष्ठता और भारत की भव्यता के प्रतीक बनेंगे। भारत मंडपम और यशोभूमि दोनों में ही भारतीय संस्कृति और अत्याधुनिक सुविधाओं का संगम है।”
तो वहीं इस योजना के शुभारंभ के दौरान केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि “हमारे देश में ‘विश्वकर्मा’ को वह व्यक्ति माना जाता है जिसने हमारे चारों ओर सब कुछ बनाया। वह उत्कृष्ट शिल्पकार हैं। ये शिल्प कुशल लोग हमारे आसपास, हमारे साथ और हमारे साथ रहते थे। उन्होंने वास्तव में हमारी अर्थव्यवस्था को आत्मनिर्भर और उत्पादक बनाया। यही कारण है कि 500 साल पहले भी, भारत विश्व नेता और एक संपन्न समृद्ध अर्थव्यवस्था हो सकता था, जिसके उत्पादों की दुनिया भर में मांग थी।”
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि “आज पीएम मोदी दुनिया को अपना परिवार मानते हैं। उन्होंने दुनिया को एक साथ बांधने की जिम्मेदारी ली है। हाल ही में समाप्त हुए G20 में शिखर सम्मेलन, उन्होंने दुनिया के वंचित वर्ग के लिए सोचने की जिम्मेदारी ली। 2014 में जब हमने पीएम मोदी को अपना नेता चुना, तो उन्होंने अपनी पहली टिप्पणी में कहा कि यह सरकार वंचित वर्ग के लिए होगी। जब मैं देखता हूं इन साढ़े नौ वर्षों में, कई जनधन खाते खोले गए हैं। आज ‘पीएम विश्वकर्मा’ योजना के तहत लाखों विश्वकर्मा भाइयों और बहनों को कम ब्याज दरों पर 3 लाख रुपये का ऋण मिलेगा।”
वहीं केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि “कठिन वैश्विक परिस्थितियों में, आपके (पीएम मोदी) नेतृत्व में भारत के हर कोने में G20 के विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए। इसने सभी भारतीयों को जोड़ा और इसे लोगों के G20 के रूप में स्थापित किया। आज सुबह एक अखबार में एक वरिष्ठ अर्थशास्त्री ने इसे ‘मोदीकृत जी20’ कहा। आपने नई दिल्ली के नेताओं की घोषणा पारित की जो निकट भविष्य में एक नई दिशा दिखाएगी और वैश्विक परिदृश्य को बदल देगी।”