टेन न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली (17 सितंबर 2023): कांग्रेस ने आज एक बार फिर केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि संसद के विशेष सत्र में महिला आरक्षण विधेयक को पारित कराया जाए, जो पहले से ही राज्यसभा में पारित हो चुका है। मुख्य विपक्षी दल ने शनिवार को अपनी कार्य समिति की बैठक में पारित प्रस्ताव में महिला आरक्षण विधेयक पारित किए जाने का आह्वान किया था।
इस संदर्भ में कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने आज यानी रविवार को एक्स पर ट्वीट किया है। उन्होंने ट्वीट में कहा है कि “कांग्रेस कार्य समिति ने मांग की है कि संसद के विशेष सत्र के दौरान महिला आरक्षण विधेयक को पारित किया जाना चाहिए।”
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने इस मुद्दे से संबंधित कुछ तथ्य भी साझा किया है। उन्होंने कहा कि “सबसे पहले राजीव गांधी ने 1989 के मई महीने में पंचायतों और नगर पालिकाओं में महिलाओं के एक तिहाई आरक्षण के लिए संविधान संशोधन विधेयक पेश किया। वह विधेयक लोकसभा में पारित हो गया था लेकिन सितंबर 1989 में राज्यसभा में पास नहीं हो सका।”
उन्होंने आगे कहा कि “अप्रैल 1993 में तत्कालीन प्रधान मंत्री PV नरसिम्हा राव ने पंचायतों और नगर पालिकाओं में महिलाओं के एक तिहाई आरक्षण के लिए संविधान संशोधन विधेयक को फिर से पेश किया। दोनों विधेयक पारित हुए और कानून बन गए। आज पंचायतों और नगर पालिकाओं में 15 लाख से अधिक निर्वाचित महिला प्रतिनिधि हैं। यह 40% के आसपास है।”
कांग्रेस नेता ने कहा कि “महिलाओं के लिए संसद और राज्यों की विधानसभाओं में एक तिहाई आरक्षण के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह संविधान संशोधन विधेयक लाए। विधेयक 9 मार्च 2010 को राज्यसभा में पारित हुआ। लेकिन लोकसभा में नहीं ले जाया जा सका।राज्यसभा में पेश/पारित किए गए विधेयक समाप्त (Lapse) नहीं होते हैं। इसलिए महिला आरक्षण विधेयक अभी भी जीवित है। कांग्रेस पार्टी पिछले नौ साल से मांग कर रही है कि महिला आरक्षण विधेयक, जो पहले ही राज्यसभा से पारित हो चुका है, उसे लोकसभा से भी पारित कराया जाना चाहिए।”