टेन न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली (16 सितंबर 2023): राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली को कचड़े की समस्या से निजात दिलाने के लिए एमसीडी ने ‘मलबा मुक्त दिल्ली’ पहल की शुरुआत की है। इस संदर्भ में दिल्ली नगर निगम की मेयर डॉ. शैली ओबेरॉय ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी है।
दिल्ली नगर निगम की मेयर डॉ. शैली ओबेरॉय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि पूरी दिल्ली में अभी नगर निगम के पांच construction और demolition (सी एंड डी) प्लांट है। पहला बक्करवाला प्लांट है, उसकी कैपेसिटी 1000 टन प्रति दिन है। दूसरा रानीखेड़ा प्लांट है, उसकी कैपेसिटी 1500 टन प्रति दिन है। तीसरा शास्त्री पार्क प्लांट है, उसकी कैपेसिटी 1000 टन प्रति दिन है। चौथा बुराड़ी प्लांट है, उसकी कैपेसिटी 2000 टन प्रति दिन है। और पांचवां ओखला प्लांट है, उसकी कैपेसिटी 1000 टन प्रति दिन है। पांचो प्लांटों को मिलाकर सी एंड डी कचरा कुल 5500 टन प्रति दिन रीसाइकल होता है। अगर महीने की बात करें तो ये प्लांट 1.5 लाख टन सी एंड डी कचरा प्रति माह रीसाइकल करता हैं और हर साल 18 लाख टन सी एंड डी कचरा रीसाइकल करता है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली में सबसे बड़ी समस्या सी एंड डी कचरा को लेकर है। उन्होंने कहा कि आप गलियों, सड़कों, पार्कों में मलवा देखेंगे और जिसको जहां जगह मिलती है वे वहां मलबा फेंक देते है। इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए नगर निगम ने पूरे दिल्ली में 158 पॉइंट्स आईडेंटिफाई किए हैं, जहां मलबा फेंका जाएगा और कहीं नहीं। उनमें से 125 पॉइंट लोकल जेई मेंटेनेंस स्टोर में हैं जहां 24×7 मलबा डाला जा सकता है। 20–25 फीट ऊंची सीट लगाई जाएंगी कंस्ट्रक्शन साइट पर, मलबे पर वॉटर स्प्रिंकलर से डस्ट कम की जाएगी।
दिल्ली को मलबा मुक्त बनाने के लिए मेयर डॉ. शैली ओबरॉय ने जनता, ठेकेदार, बिल्डर्स से अपील की है कि मलबे को सड़क, गलियों, पार्कों में ना फेंके। हमने हर वार्ड और विधानसभा में पॉइंट्स बना दिए हैं, वहीं पर मलबा फेंक कर ‘मलबा मुक्त दिल्ली’ इनिशिएटिव में सहयोग करें।