टेन न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली, (15 सितंबर 2023): दिल्ली महिला आयोग (DCW) की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने बिहार के सहरसा में एक बच्ची के साथ स्कूल के डायरेक्टर के बेटे द्वारा दो साल तक किए कथित दुष्कर्म मामले में संज्ञान लिया है। इस मामले में DCW अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर लीगल मुआवजा की मांग की है।
DCW अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने एक्स पर अपने पत्र को शेयर कर इस बात बात की जानकारी दी है। स्वाति मालीवाल ने ट्वीट में लिखा है, “बिहार के सहरसा में बच्ची के साथ स्कूल के डायरेक्टर का बेटा 2 साल तक बलात्कार करता रहा। स्कूल की प्रिंसिपल ने भी आरोपी की मदद की। बच्ची के परिवार ने हमें कंप्लेंट भेजी है। अभी तक कोई मुआवज़ा और लीगल ऐड तक नहीं मिली है। इस बेहद संगीन मामले में नीतीश कुमार जी को पत्र भेजा है।”
स्वाति मालीवाल ने अपने पत्र में लिखा है, दिल्ली महिला आयोग को बिहार के सहरसा में एक स्कूल के अंदर एक नाबालिग लड़की के यौन उत्पीड़न से जुड़ी बेहद दुखद घटना के बारे में शिकायत मिली है। आरोप है कि स्कूल प्रबंधक के 30 वर्षीय बेटे ने स्कूल के अंदर ही युवती के साथ दो साल से अधिक समय तक लगातार दुष्कर्म किया। यह भी आरोप है कि आरोपी ने लड़की का वीडियो बनाया और उसे ब्लैकमेल किया। इसके अलावा, यह भी आरोप है कि स्कूल की महिला प्रिंसिपल अपराध को अंजाम देने में नियमित रूप से आरोपी की सहायता करती थी। मामले में एफआईआर दर्ज कर ली गई है और आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
स्वाति मालीवाल ने अपने पत्र में आगे लिखा है, पीड़िता ने आयोग को बताया है कि आज तक बिहार सरकार की ओर से किसी ने भी उससे मुलाकात नहीं की है। आगे की कानूनी सहायता और मुआवजा उस तक पहुंचना बाकी है। साथ ही, पीड़िता के परिवार ने मामले की जांच के तरीके पर भी चिंता जताई है। इस घटना से किशोरी को गहरा सदमा पहुंचा है, जिससे उसे अत्यधिक शारीरिक और भावनात्मक पीड़ा हुई है। दो वर्षों में उसने जो आघात झेला है, वह शब्दों से परे है और इसे ठीक होने में पूरी जिंदगी लग सकती है। घटना बहुत गंभीर है और तत्काल ध्यान आकर्षित करती है।
स्वाति मालीवाल ने बिहार के मुख्यमंत्री से आग्रह की है और इस मामले में कई जानकारी की मांग की है। पहला, यह जरूरी है कि मामले की उचित जांच एसआईटी से हो। इसके अलावा, यह पता लगाने के लिए एक कठोर और व्यापक जांच की जानी चाहिए कि क्या आरोपी व्यक्तियों द्वारा अन्य छात्रों के साथ भी इसी तरह के अपराध किए गए हैं। जघन्य अपराध करने में आरोपी व्यक्तियों की सहायता करने में स्कूल प्रबंधन की भूमिका की उचित जांच की जानी चाहिए और अपेक्षित कार्रवाई शुरू की जानी चाहिए। दूसरा, पीड़िता की सहायता के लिए सरकार को मामले में एक विशेष अभियोजक नियुक्त करना चाहिए, जिसकी सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में तत्काल की जानी चाहिए। तीसरा, युवा लड़की के आघात की गंभीरता को देखते हुए यह सुनिश्चित करना राज्य का कर्तव्य है कि उसे आघात से उबरने में मदद करने के लिए पर्याप्त मुआवजा मिले। चौथा, राज्य को पीड़िता के उचित चिकित्सा उपचार और पुनर्वास की सुविधा प्रदान करनी चाहिए। और पांचवां, बिहार सरकार के एक वरिष्ठ प्रतिनिधि को तत्काल लड़की के परिवार से मिलना चाहिए और उनकी हर संभव मदद करनी चाहिए।