टेन न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली (11 सितंबर 2023): G20 दिल्ली लीडर्स डिक्लियरेशन में समावेशी शिक्षा, गुणवत्ता, कौशल, प्रशिक्षण, रोजगार, डिजिटल प्रौद्योगिकी का प्रयोग, अनुसंधान और शोध पर मिलकर काम करने की सहमति बनी है। जी-20 सदस्य देश वैश्विक स्तर पर कौशल की कमी को दूर करने पर नीति बनाएंगे और कौशलयुक्त रोजगार के लिए डाटा बेस तैयार करेंगे। इसका मकसद है कि जिन देशों में कौशल पेशेवरों की कमी होगी, वहां अन्य देश अपने पेशेवर भेजकर संबंधित देश की जरूरत पूरा करेंगे और रोजगार के मौके बढ़ाने में मदद करेंगे।
इसके लिए अंतरराष्ट्रीय मानकों के तहत युवाओं के कौशल को निखारने के लिए उन्हें प्रशिक्षित किया जाएगा। भारत की मेजबानी में आयोजित जी-20 के दिल्ली लीडर्स घोषणा पत्र में स्कूली, उच्च, वोकेशनल शिक्षा, कौशल विकास के साथ-साथ शिक्षकों की ट्रेनिंग पर काम करने पर भी सहमति बनी है। दिल्ली लीडर्स घोषणा पत्र में कहा गया है कि शिक्षा क्षेत्र में भारत समेत सदस्य देश गुणवत्ता युक्त शिक्षा, अनुसंधान और शोध पर मिलकर काम करेंगे।
वैश्विक महामारी कोरोना में डिजिटल शिक्षा का महत्व समझ आया था। भारत ने अपने एजेंडे में शिक्षा में डिजिटल शिक्षा को प्रमुखता से रखा और दिल्ली लीडर्स घोषणा पत्र में उसको मंजूरी भी मिल गई है। इसके तहत स्कूली व उच्च शिक्षा में डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा दिया जाएगा। हालांकि उसके साथ शिक्षकों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) समेत नई तकनीक से पढ़ाई करवाने के लिए प्रशिक्षित भी किया जाएगा। कमजोर परिस्थितियों वाले लोगों के साथ-साथ सभी के लिए समावेशी, न्यायसंगत, उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा और कौशल प्रशिक्षण के लिए भी प्रतिबद्ध हैं। मानव संसाधन के विकास के समर्थन में निवेश भी जरूरी है। इसलिए शिक्षा और रोजगार के लिए प्राथमिक निर्माण खंड के रूप में मूलभूत शिक्षा (साक्षरता, संख्यात्मकता और समाजिक-भावनात्मक कौशल) पर मिलकर काम करेंगे।।