टेन न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली (11 सितंबर 2023): बारिश और जी20 शिखर सम्मेलन के चलते तीन दिन की छुट्टी के बाद दिल्लीवालों को करीब 11 महीनों बाद साफ हवा मिली है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण विभाग (CPCB) के मुताबिक, रविवार को दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 45 दर्ज किया गया। पिछले साल अक्टूबर के महीने में हवा का स्तर इतना साफ-सुथरा रहा था।
दिल्ली और आसपास के इलाकों में शनिवार और रविवार को हल्की से मध्यम बारिश हुई है, जबकि जी20 शिखर सम्मेलन के कारण शुक्रवार से ही स्कूल कॉलेजों और कार्यालयों में छुट्टी कर दी गई थी। इसके चलते सड़कों पर वाहनों की संख्या में भारी कमी आई है। इन दोनों की वजह से दिल्ली के प्रदूषण में खासी गिरावट दर्ज की गई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक, रविवार को दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 45 दर्ज किया गया। इस स्तर की हवा को अच्छी श्रेणी में रखा जाता है। तो वहीं शनिवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक 54 पर रहा।
सीपीसीबी के आंकड़े बताते हैं कि पिछले साल 10 अक्टूबर को वायु गुणवत्ता सूचकांक 44 दर्ज किया गया था। अब लगभग 11 महीनों बाद हवा की गुणवत्ता इतनी साफ हुई है। मौसम विभाग का अनुमान है कि साफ हवा का यह स्तर ज्यादा दिन तक नहीं बना रहेगा।
वहीं, दिल्ली और एनसीआर समेत देश के तमाम शहरों में प्रदूषण की निगरानी में इजाफा हुआ है। यहां तक कि आठ वर्षों में प्रदूषण पर रीयल टाइम निगरानी करने वाले केन्द्रों की संख्या बीस गुना तक बढ़ गया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण विभाग (CPCB) के आंकड़ों के आधार पर विज्ञान एवं पर्यावरण केंद्र ने इसका विश्लेषण किया है। निगरानी केंद्रों के बढ़ने से प्रदूषण के स्रोतों को जानने और उसकी रोकथाम करने में मदद मिली है।
सीएसई की रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2015 में देशभर में केवल 25 प्रदूषण निगरानी केंद्र थे, जबकि वर्ष 2023 में इनकी संख्या बढ़कर 517 हो गई है। यानी आठ वर्षों में लगभग बीस गुना बढ़ोतरी हुआ है। वर्ष 2015 में आधे रियल टाइम निगरानी केंद्र दिल्ली में मौजूद थे।